Bokaro: सेल (SAIL) के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्रबंधन ने अतिक्रमण, आवासों पर अवैध कब्ज़ा और बिजली-पानी चोरी को टाउनशिप से ख़त्म करने के लिए नगर प्रसाशन विभाग को और मजबूती प्रदान कर दी है। बीएसएल ने नगर प्रसाशन के सीजीएम (CGM) को पांच विभागो के जेनेरल मैनेजर (GM) या एचओडी के अनुशंसा पर जमीन, प्लॉट, आवास, पानी और बिजली के सम्बंधित किसी भी मामले में FIR करने का अधिकार दे दिया है।
बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन (BSOA) के अध्यक्ष ए के सिंह ने इस आर्डर को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए इसका स्वागत किया है। बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धान ने इस आर्डर की पुष्टि की है। इस ऑर्डर को निकालने के पीछे सेल चेयरमैन, प्रभारी डायरेक्टर इंचार्ज अतनु भौमिक की दूरदर्शिता और ईडी (P&A) राजन कुमार का अहम रोल है।
FIR करने से अधिकारी मना नहीं कर पाएंगे, BSL करेगा खर्च वहन –
बताया जा रहा है कि बीएसएल के अधिकारी अबसे पहले FIR करने से बचते थे, क्युकी अधिकतर केस में उनको खर्च खुद वहन करना पड़ता था। पर अब से केस का सारा खर्च बीएसएल (BSL) प्रबंधन वहन करेगा, साथ ही शिकायतकर्ता को गार्ड देकर सुरक्षा भी मुहैया कराएगा। एक पूरा लीगल पैनल उसके सहयोग में खड़ा रहेगा। जिला प्रसाशन से सहयोग नहीं मिलने पर भी बीएसएल अब अपनी जमीन या आवास को अवैध कब्ज़े से मुक्त करने के लिए अभियान चलाएगा और किसी भी तरह का विरोध होने पर सीधे FIR करेगा।
BSL के सिक्योरिटी विभाग की जिम्मेवारी बढ़ी –
बीएसएल में इस तरह का आर्डर पहली बार निकला है। अतिक्रमण के खिलाफ बीएसएल का यह स्टैंड ऐतिहासिक है। कंपनी के लीगल विभाग का एक पैनल बीएसएल (BSL) द्वारा किये गए केस को कोर्ट में मजबूती से रखेगा। सिक्योरिटी विभाग FIR से जुड़े हर अपडेट पर नजर रखेगा और समय-समय पर प्रबंधन को सूचित करेगा। इस आर्डर के बाद सिक्योरिटी विभाग की जिम्मेवारी बढ़ी है। अब सिर्फ अतिक्रमण हटाओ अभियान में ही नहीं, बल्कि FIR दर्ज़ करने से लेकर कोर्ट में हर डेट पर सिक्योरिटी विभाग को पूरी जिम्मेवारी के साथ मुस्तैद रहना होगा।
विरोध के तुरंत बाद FIR, प्रबंधन तय करेगा शिकायत दर्ज़ कराने वाले का नाम –
एहि नहीं, बीएसएल (BSL) प्रबंधन ने यह साफ़ कर दिया है कि किसी भी घटना या विरोध के तुरंत बाद FIR दर्ज होगा। यह निर्णय भी बीएसएल प्रबंधन लेगा की किस विभाग के किस अधिकारी या कर्मचारी को थाने जाकर FIR दर्ज़ करना है। नामित अधिकारी या व्यक्ति द्वारा FIR लिखने का काम बीएसएल के लीगल पैनल के सहयोग से किया जायेगा। जिस भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा FIR किया जायेगा उसको सिक्योरिटी विभाग थाना में शिकायत रजिस्टर कराने से लेकर कोर्ट के हर डेट में सुरक्षा मुहैया कराएगा। काउंटर FIR अगर होता है तो उसका खर्च भी बीएसएल वहन करेगा।
FIR नहीं दर्ज़ करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई –
प्रबंधन द्वारा नामित अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी FIR करने से कतराता है तो उसको कदाचार मानते हुए – सीडीए नियम 1977 के खंड 5.5 और 5.6 और उसके संशोधनों और/या प्रासंगिक सेवा नियमों के अर्थ में – उसपर सख्त करवाई की जाएगी। बीएसएल प्रबंधन ने सोमवार को निकाले गए ऑफिस आर्डर में यह भी साफ़ कर दिया है कि किसी भी शिकायत को वापस लेने की क्षमता सिर्फ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ED) पी एंड ए के पास होगी। सीजीएम को उनको अनुशंसा करनी होगी।
इस नए नियम के आने से नगर प्रसाशन के लैंड एस्टेट, हाउस अलॉटमेंट, बिजली और पानी के फील्ड सुपरवाइजरों की जिम्मेवारी बढ़ गई है। क्युकी जैसे पंचायत क्षेत्र में जमीन से जुड़े मामले में आमीन और बिजली चोरी में जेई FIR करते है, उसी प्रकार अब बीएसएल के फील्ड सुपरवाइजर प्रबंधन द्वारा FIR करने के लिए नामित किये जा सकते है। बीएसएल प्रबंधन के जूनियर ऑफिसर या फील्ड सुपरवाइजर को अब अतिक्रमण रोकने के लिए खुद से कड़ा कदम उठाना होगा। अन्यथा प्रबंधन उनसे FIR भी दर्ज़ कराएगी और उनको गवाही के साथ-साथ केस भी लड़ना पड़ेगा।