Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: प्रबंधन का बड़ा फैसला, प्लांट और टाउनशिप का यह सब कार्य अब स्थानीय विस्थापितों के लिए रिज़र्व


Bokaro: सेल-बोकारो इस्पात संयंत्र (SAIL-BSL) के विस्थापितों के लिए खुशखबरी है। बीएसएल के संकार्य एवं गैर संकार्य विभाग के ठेका कार्यों में स्थानीय विस्थापितों की भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल की गई है। यही नहीं, बाहर की बड़ी कंपनियों द्वारा बीएसएल में लिए गए कॉन्ट्रैक्ट कार्यो में भी स्थानीय विस्थापितों के रिजर्वेशन का प्रावधान बनाया गया है। इस बाबत सर्कुलर डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के आदेश के बाद जारी कर दिया गया है। बीएसएल ने विस्थापितों के हित में ऐसा सर्कुलर पहली बार निकला है। Circular की कॉपी सबसे नीचे पढ़े :

अब से बीएसएल प्लांट को ज़मीन देने वालो विस्थापितों की भागीदारी प्लांट और टाउनशिप के ठेका कार्यो में सुनिश्चित होगी। प्रबंधन का मानना है कि इससे विस्थापितों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, साथ ही साथ उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। इस नए सर्कुलर के फलस्वरूप आने वाले समय में बीएसएल प्लांट में शुरू होने वाले करोड़ो के एक्सपेंशन और मोडर्निज़ेशन प्रोजेक्ट में भी विस्थापितों की मजबूत भागेदारी रहेगी।

बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धान ने बताया कि बोकारो इस्पात संयंत्र में ठेका के तहत कराए जाने वाले कार्यों में स्थानीय विस्थापितों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रबंधन द्वारा अहम निर्णय लिए गए हैं। तदुनुसार, संकार्य और गैर-संकार्य विभागों में पेंटिंग / व्हाइट/ कलर वॉशिंग, छोटे बिल्डिंग्स, शिफ़्ट ऑफिस, रोड ग्रिल्स इत्यादि के डिस्टेम्पेरिंग/ स्नौसेम, जैविक उद्यान में मांस, अनाज, सब्जियां, घास, फल, पौधे की पत्तियां और मछली की आपूर्ति, हॉर्टिकल्चर से संबन्धित कुछ कार्य, अन्य विविध ठेका कार्य जैसे – ग्रास / बुश कटिंग/, पेड़ों की छटाई,  मैनुअल लोडिंग/अनलोडिंग/स्टैकिंग, साइकिल, स्कूटर, मोटर साइकिल और कारों की पार्किंग, हैंडपंप्स का मेंटेनेन्स, फर्टिलाइज़र / मैन्योर की आपूर्ति, जेनरल हाउसकीपिंग इत्यादि स्थानीय विस्थापितों के लिए सुरक्षित किये गए हैं।

इसके साथ-साथ अब बोकारो इस्पात संयंत्र से निर्गत होने वाले सभी सामान्य निविदा कार्य में संवेदकों को 10 (दस) प्रतिशत स्थानीय विस्थापितों को काम पर रखने की अनिवार्यता रखी गई है जबकि वैसे निविदा कार्य जो केवल विस्थापितों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं, उनके संवेदकों को 50 (पचास) प्रतिशत स्थानीय विस्थापितों को कार्य पर रखने की अनिवार्यता तय की गई है।

बता दें, कई साल से स्थानीय विस्थापित नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर बीएसएल के खिलाफ आंदोलनरत है। राज्य सरकार ने भी 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगो को देने की बात कही है। यही नहीं, कुछ दिनों पहले सांसद धनबाद पशुपतिनाथ सिंह ने लोकसभा में विस्थापितों के लिए आवाज़ उठाई थी। उन्होंने बीएसएल की वर्षो से खाली पड़ी उनुपयोगी ज़मीन विस्थापितों को वापस करने की मांग की थी और बताया था कि विस्थापित गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर है।

बोकारो विधायक, बिरंची नारायण ने भी विधानसभा में तीन बार विस्थापितों का मामला उठाया था और डायरेक्टर इंचार्ज से बात भी की थी। कुछ दिनों पहले कांग्रेस की स्वेता सिंह ने भी बीएसएल प्रबंधन के सामने विस्थापितों की मांगे रखी थी। इनके आलावा पूर्व विधायक उमाकांत रजक, योगेश्वर बाटुल, साधु सरन गोप, गुलाब चंद्र, रोहितलाल सिंह, रघुनाथ महतो, फूलचंद महतो आदि कितने नेता समय-समय पर विस्थापितों के हित के लिए आवाज़ उठाते रहे है।

बताया जा रहा है कि डायरेक्टर इंचार्ज स्वयं ही विस्थापितों के मुद्दे पर काफी संजीदा है। शहर में हो रहे अतिक्रमण को हटा कैसे विस्थापितों की भागीदारी से टाउनशिप का विकास किया जाये इसका खाका भी तैयार हो रहा है।


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4 thoughts on “SAIL-BSL: प्रबंधन का बड़ा फैसला, प्लांट और टाउनशिप का यह सब कार्य अब स्थानीय विस्थापितों के लिए रिज़र्व
  1. सेल प्रबंधन को बहुत-बहुत बधाई हो जो कि आप विस्थापित लोगों के लिए इतना बड़ा कदम उठाए हैं आज तक तो कोई ऐसा प्रबंधन नहीं थे जो कि विस्थापित के लिए कुछ भी सोचे थे आप हैं कि विस्थापित के लिए इतना कुछ सोचा इसके लिए मैं बहुत आपको धन्यवाद देता हूं

  2. When one have a positive approach every thing is possible.आप बधाई के पात्र हैं। बोकारो के विस्थापितों के तरफ से आपको बहुत बहुत बधाई ।

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