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Bokaro Township: ‘Bad Touch’ करने वाले म्यूजिक टीचर के खिलाफ स्कूल में हंगामा, तीन महीने में यह दूसरी घटना


Bokaro: शहर के सेक्टर 4 स्तिथ एक प्राइवेट स्कूल के म्यूजिक टीचर पर गंभीर आरोप लगे हैं। उसी स्कूल में पढ़ने वाली इंटरमीडिएट की छात्रा ने म्यूजिक टीचर पर बुरी मनसा से उसे छूने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद सैकड़ो आक्रोशित लोग सोमवार को स्कूल पहुंचे और म्यूजिक टीचर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनकी मांग म्यूजिक टीचर को तुरंत स्कूल से हटाने की थी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने शिक्षक को तुरंत हटाने की घोषणा कर दी है।

पिछले तीन महीनो में ‘bad touch’ करने का ये दूसरा आरोप उक्त म्यूजिक शिक्षक पर लगा है। इसके पहले एक दूसरी छात्रा ने प्रिंसिपल को म्यूजिक टीचर के खिलाफ दुर्व्यवहार करने की लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद प्रिंसिपल ने उस म्यूजिक टीचर को सख्त हिदयात दी थी। लेकिन फिर भी वह अपनी हरकत से बाज नहीं आया। Video:

बताया जा रहा है कि छात्रा ने शुक्रवार को घर लौट कर अपने अभिभावक को बताया कि स्कूल में उसके म्यूजिक टीचर ने उसे बहुत ही गंदे तरीके से छुआ। टीचर ने उसे गलत नियत से पैर में पिंच किया और हाथ लगाया। म्यूजिक टीचर क्लास के सामने उसका हाथ पकड़ते है और बहुत गलत तरीके से छूते है। बोलते है मैं तुम्हे दिखाऊंगा ‘Touch’ किसे कहते है। उसे ब्लैकमेल भी करते है।

पीड़ित छात्रा ने अपने अभिभावक को कहा कि वह म्यूजिक टीचर के इस तरीके के दुर्व्यवहार से बहुत निराश और दुखी हैं। इस घटना को जानने के बाद अभिभावक ने पूरी घटना अपने समाज को बताई। जिसके बाद समाज के महिलाएं सहित सभी लोग सोमवार को स्कूल पहुंचकर म्यूजिक टीचर को हटाए जाने की मांग की। आक्रोशित लोगों ने गेट के सामने प्रदर्शन किया फिर स्कूल के अंदर म्यूजिक टीचर के खिलाफ नारेबाजी की।

पीड़िता द्वारा लिखित शिकायत पत्र भी स्कूल के प्रिंसिपल अशोक पाठक को सौंपा गया। जिसमे छात्रा ने म्यूजिक टीचर पर आरोप लगाते हुए उसके साथ हुए दुर्व्यवाहर को बताया है। इसके बाद, प्रिंसिपल स्कूल के हॉल में सभी अभिभावकों के सामने प्रस्तुत हुए और घोषणा की कि स्कूल प्रबंधन ने उक्त म्यूजिक टीचर को निलंबित कर दिया है। पूर्णतः उसको स्कूल से हटाने की प्रक्रिया जारी है। स्कूल की कमेटी इस पर काम कर रही है।

बरनवाल महिला समिति की सदस्य कविता बरनवाल कहा कि उनके समाज की बेटी के साथ स्कूल के म्यूजिक टीचर ने गलत हरकत की है। सभ्य समाज में ऐसे टीचरों की कोई जरूरत नहीं। इस टीचर को स्कूल से ही नहीं समाज से भी बहिष्कृत कर देना चाहिए। उन्होंने मीडिया से गुजारिश की कैसे टीचरों का फोटो दिखा कर उनके चेहरे से शराफत का नकाब उतार देना चाहिए। इस घटना से पूरा समाज आहत है। दूसरे छात्रों के सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन तुरंत उस म्यूजिक टीचर को हटाए।

बताया जा रहा है कि 3 महीने पूर्व इसी स्कूल के एक और छात्रा के साथ म्यूजिक टीचर ने इस तरह का गलत बर्ताव किया था। इस घटना के सामने आने के बाद, उस छात्रा के भी अभिभावक प्रदर्शन में शामिल हो उक्त म्यूजिक टीचर को हटाने की मांग की।

मीडिया से बात करते हुए उक्त छात्रा की मां ने कहा कि उनसे गलती हो गई कि उन्होंने तीन महीने पहले इस घटना का विरोध ठीक से नहीं किया। अगर वैसा करती तो आज यह दूसरी घटना नहीं होती। उनकी बेटी ने भी घर आकर उन्हें बताया था कि म्यूजिक टीचर उसके साथ हुई गलत हरकत करते हैं। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की थी। शिकायत के बाद उस म्यूजिक टीचर ने उनके बच्ची के साथ वैसा बर्ताव करना छोड़ दिया।

Good Touch and Bad Touch

बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी होती हैं. माता–पिता अपना कर्तव्य केवल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, खाना-पीना, कपड़े पहनना, बड़ों का सम्मान करना और अच्छे संस्कार देने तक सीमित मानते हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों को यौन शिक्षा देने के साथ ही उन्हें Good Touch and Bad Touch के बारे में बताना भी एक जरुरी विषय है. माता-पिता अपने बच्चों को Good Touch and Bad Touch के बारे में बताना कम जरूरी समझते हैं और संकोच भी करते हैं, जिसके कारण बच्चे यौन शोषण के शिकार होते हैं.

अच्छा स्पर्श (Good Touch) – अगर कोई आपको Touch करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड टच होता है.

बुरा स्पर्श (Bad Touch) – जब कोई आपको इस तरह से Touch करे कि आपको उससे बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. अगर कोई अनजान व्यक्ति प्राइवेट पार्ट्स गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है.

बच्चों को Good Touch and Bad Touch के बारे में कैसे सतर्क करे?

बच्चों को बताएं कि वो आपके साथ सब-कुछ शेयर कर सकते हैं
बच्चे के बदलते व्यवहार के बारे में आपको जानकारी रखनी चाहिए. ऐसे में छोटी उम्र में ही बच्चों के साथ विश्वास का रिश्ता कायम करना बेहद जरूरी हो जाता है. बच्चों और माता-पिता में प्यार और भरोसेमंद बंधन बनाना आवश्यक है. जहां बच्चे बिना डर के आपको कुछ भी बता सकते हैं. बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार रखे कि वह आप से हर बात शेयर करें. अगर उसने कुछ गलत भी हो जाए तो वह भी बता दे.
बच्चों को उनकी शारीरिक संरचना के बारे में बताएं
हम अपने बच्चों को ये समझा सकते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं. उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं. बच्चों को बताएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स कौन से हैं, और बच्चों को ये बताएं कि शरीर के इन हिस्सों को किसी को न छूने दें.
बच्चों को अपने शरीर का मालिक बनने दें
जब बच्चे 3–4 साल के हो जाए तो उन्हें समझाये कि उनके शरीर पर केवल उनका ही अधिकार है. अगर किसी के द्वारा उनके शरीर को छूना अच्छा न लगे तो उसका कड़ा विरोध करें और ऐसी बाते आपको आकर जरुर बताएं.
बच्चों को ना कहना सिखाएं
बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना सबसे ज़रूरी है और बच्चों के मन से डर दूर करें और उन्हें ना कहना सिखाएं. अगर उन्हें कोई गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो वे प्रताड़ित करने वाले से डरे नहीं बल्कि उन्हें ऐसा न करने के लिए बोलें. प्रताड़ित करने वाले से बचने के लिए शोर मचाने तरकीब बच्चों को सिखाएं ताकि आसपास के लोग उसकी चीख सुनकर उसके मदद को आ सके.
बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें
बच्चों के साथ जब भी कुछ गलत होता है तो उनके व्यहार में परिवर्तन देखने को मिलता है. ऐसे में उसके मन को पढने की कोशिश करें और उनसे खुलकर बात करे. बच्चे को खुलकर इस बारे में बात कर बताएं कि आपको लिए यह अच्छा है और यह आपके लिए बुरा है.


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