Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

BPSCL ने ऐश पौण्ड क्षेत्र में निवास करने को बताया ‘खतरनाक’, लिखा की घटना हुई तो ‘अतिक्रमणकारी’ स्वयं जिम्मेवार


Bokaro: इस साल 6 महीने के अंतराल पर बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (BPSCL) के ऐश पोंड का तटबंध दो बार टूटा. जिस कारण बगल के राउतडीह गांव में बाढ़ आ गई. लोगों को जान बचा कर गावं से बाहर भागना पड़ा. बीएसएल (BSL) की बिजली उत्पादक इकाई बीपीएससीएल (BPSCL) में फ्लाई ऐश का उपयोग न के बराबर होना एक प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है. इस कारण बीपीएससीएल प्रबंधन आज कटघरे में है.

छाई से होने वाले प्रदूषण के चलते ऐश पोंड के आसपास स्थित आधे दर्जन गांव के लोग त्रस्त है. गर्मियों में छाई का उड़ना और बरसात में तटबंध टूटने का खतरा लोगों के जीवन पर खासा असर डाल रहा है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (JSPCB) द्वारा बीपीएससीएल कंपनी के सीईओ को किए गए शो कॉज और बढ़ती जा रही कढ़ाई के बाद, कंपनी प्रबंधन हरकत में आ गया है.बीपीएससीएल के अनुसार ऐश पौण्ड एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां निवास करना, नहाना या अन्य कोई कार्य करना खतरनाक है. जेएसपीसीबी सूत्रों के अनुसार बीपीएससीएल के ऐश पोंड के तटबंध टूटने से आई बाढ़ में हुए नुकसान और लोगों की परेशानी का आकलन करते हुए कंपनी को शो कॉज किया गया है. कार्रवाई चल रही है. इस बार झारखंड प्रदूषण बोर्ड, बीपीएससीएल के प्रति काफी सख्त है. राउतडीह और आसपास के गांव के लोगों की निगाह भी प्रदूषण बोर्ड पर है.

कई गांव वालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर झारखंड प्रदूषण बोर्ड इस बार बीपीएससीएल के खिलाफ एक्शन नहीं लेता है, तो वह लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पास गुहार लगाएंगे. क्योंकि, झारखंड प्रदूषण बोर्ड बीपीएससीएल को सिर्फ शो कॉज करता है. कोई कड़ी करवाई नहीं करता.

BPSCL ने मिलाया IIT Delhi से हाथऐश पौण्ड क्षेत्र के विकास एवं उचित रख-रखाव के लिए बीपीएससीएल सजग हुआ है. बीपीएससीएल के अधिकारी के अनुसार ऐश पौण्ड के अपग्रडेशन एवं ऐश डाईक की मजबूती के लिए बीपीएससीएल ने आईआईटी (IIT, Delhi) से हाथ मिलाया है. IIT, Delhi के विशेषज्ञों द्वारा ऐश पौण्ड के निरीक्षण का काम पुरा कर लिया गया है. उनके रिपोर्ट के आधार पर BPSCL द्वारा अगला कदम लिया जायेगा.

बीपीएससीएल प्रबंधन के अनुसार, झारखण्ड राज्य प्रदुषण बोर्ड के सुझाव पर ऐश पौण्ड मे बायोस्टैबिलिसशन (biostabilisation) का काम चरणबद्ध ढंग से आरंभ किया है. इसका पहला चरण सफलतापुर्वक पुरा कर लिया गया है. इसकी सफलता को देखते हुए Boistabilisation का दुसरा चरण भी आरंभ कर दिया गया है. इससे ऐश पौण्डक्षेत्र में वायुमंडलीय धूलकण की मात्रा मे तो कमी आएगी ही साथ ही साथ ऐश पौण्ड की स्थिरता मे वृद्धि होगी तथा क्षेत्र हरा भरा नजर आएगा.

BPSCL द्वारा ऐश पौण्ड क्षेत्र में सूचना पट्ट लगवा कर स्थानीय निवासियों द्वारा किसी तरह के कार्यकलाप न करने के लिए आगाह किया गया है. ऐश पौण्ड एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां निवास करना, नहाना या अन्य कोई कार्य खतरनाक साबित हो सकता है. इसकी जानकारी इस सूचना पटल पर देकर स्थानीय लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया गया है. BPSCL अपने ऐश पौण्डके विकास के लिए प्रतिबद्ध है.बीपीएससीएल (BPSCL) – स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) और दामोदर वाले कारपोरेशन (DVC) की जॉइंट वेंचर कंपनी है। जो करीब 332 MW बिजली उत्पादन छमता का पावर प्लांट है। यह सेल के इकाई बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्लांट के अंदर स्तिथ है।


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