Bokaro Steel Plant (SAIL)

बैठक में हुआ निर्णय, जल्द होगा Bokaro Steel Officers Association का चुनाव, भीतर-भीतर पॉलिटिक्स चालू है..


Bokaro: बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन (BSOA ) के चुनाव में हो रही देरी पर कई अधिकारी भड़के हुए है। कई तरह के सवाल उठ रहे है। वर्तमान समिति पर छींटाकशी हो रही है। इन्हीं सब के बीच बुधवार शाम को एसोसिएशन के कौंसिल की बैठक सेक्टर 4 स्तिथ बोसा परिसर में हुई। जिसमें सभी सदस्यों ने चुनाव जल्द कराने का निर्णय लिया।

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महीने के तीसरे सप्ताह को होगी आम सभा
जीएम ए के सिंह के अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने चुनाव जल्द कराने पर सहमति जताई और यह निर्णय लिया कि हर हाल में आम सभा की बैठक इस महीने के तीसरे सप्ताह में कर दी जाएगी। जिसमे रिटर्निंग ऑफिसर के चयन के साथ चुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।

सविंधान के संसोधन में चर्चा
साथ ही आज के बैठक में मुख्य रूप से BSOA के संविधान के संसोधन पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। संसोधन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को पास कर आमसभा की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। अगर सर्व सम्मति से पास हो जाता है तो उसे लागू किया जाएगा।

यह अधिकारी थे बैठक में
बैठक में वर्ष 2022-23 के महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई। कुछ दिन पहले हुए SAIL-SEFI मीटिंग की जानकारी दी गई। बैठक में अध्यक्ष ए के सिंह के आलावा जनरल सेक्रेटरी मंतोष कुमार, कोषाध्यक्ष वी एस नारायण, उपाध्यक्ष मनोज कुमार, राजीव सिंह, प्रांशु चौधरी, बिजेंद्र राम, एस सी महतो, रंजीत कुमार, पी के सिंह, शरद गंगवार, संदीप बोराल, संदीप कुमार और आदित्य कुमार उपस्तिथ थे।

BSOA: अधिकारियों की ताकत
बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में करीब 1800 अधिकारी कार्यरत है। BSOA इन्हीं अधिकारियों का संघठन है जो उनकी आवाज़ और ताकत है। चुकीं बोकारो टाउनशिप बीएसएल का है, इसलिए BSOA अध्यक्ष की शहर में अलग पहचान है। BSOA अध्यक्ष SEFI के मेंबर होते है और अधिकारियों के हक़-अधिकार के लिए प्रबंधन से लड़ते है। BSOA चुनाव का कार्यकाल दो साल का होता है जो पॉलिटिक्स से भरपूर होता है।

चुनाव में देरी से कई अधिकारी नाराज
दो साल में होने वाला चुनाव पिछलीबार 5 दिसम्बर 2021 में हुआ था। इस हिसाब से 5 दिसम्बर 2023 तक BSOA चुनाव हो जाना था। पर वर्तमान अध्यक्ष और सदस्यों ने चुनाव नहीं कराया। जिससे अधिकारियों का एक तबका भड़का हुआ है। अधिकारियों का एक दल,  ईडी पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेशन राजन प्रसाद से मिलकर चुनाव कराने की मांग कीया है। जिसके बाद से वर्तमान BSOA के सदस्य हरकत में आ गए।

चुनाव नहीं कराना, सोची समझी रणनीति
अधिकारियों के एक तबके का मानना है की वर्तमान समिति द्वारा चुनाव टालना एक सोची समझी रणनीति है। इसके पीछे यह भी मनसा हो सकती है की आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाये और पदधारी कुछ और महीने पद में बने रहे। कुछ अधिकारियों की यह भी सोच है कि BSOA ऑफिसर एसोसिएशन के परिसर पर विकास कार्य चल रहा है जो पूरा नहीं हुआ है। चुनाव में वर्तमान सदस्यों की इस पर किरकिरी हो सकती है। अगर चुनाव टल गया तो समय मिल जायेगा और विकास कार्य पूर्ण हो जायेगा। कुछ अधिकारियों का मानना है कि चुनाव जल्द हो जाये क्युकि मार्च में प्रोडक्शन का प्रेशर बढ़ जाता है इत्यादि।

इस बार का चुनाव होगा दमदार
वैसे तो कई वरीय अधिकारियों का मानना है कि वर्तमान BSOA अध्यक्ष ए के सिंह के टक्कर में अभी कोई नहीं है, लेकिन पिछले चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी रहे रवि भूषण पुरे एक्टिव हो गए है। दोनों अंदर-अंदर अपनी स्तिथि इस चुनाव में मजबूत करने पर लगे हुए है। युवा अधिकारियों से लगातार संपर्क जोड़ रहे है।

 

 

 


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