Hindi News

मिट्‌टी की दीये और मूर्तियाें की डिमांड बढ़ी, चीनी सामान लोगो के मन से उतरा


Bokaro: ज़िले में दीया का बाजार सजने लगा है। चाइनीज झालरों, लाइट और अन्य सामान लोगो के मन से उतरे चुके है और इनकी मांग भी कम हो गई है। इस कारण कुम्हारों की उम्मीद दीवाली में दिये के अच्छी बिक्री को लेकर बढ़ी है। दीवाली नजदीक आते ही कुम्हार दीये बनाने में जुट गये हैं।

सेक्टर 4 चर्च के सामने दीवाली को लेकर दिये का बाजार सज गया है। वहीं 9 और दुंदीबाग में कई कुम्हार अपने चाक से मिट्टी को दीये को आकार दे रहे हैं। चास समेत अन्य इलाकों में भी कुम्हार दिये बनाने में लगे हुए है। दिवाली के त्योहार पर घर को मिट्टी के दीयों से रोशन करने की परंपरा सदियों पुरानी है। इसका अपना महत्व भी है।

पिछले कई सालो से चाइनीज झालरों ने कुम्हारों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बार इसलिए कुम्हारों ने लोगो से गुजारिश की है कि वह मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें, ताकि सदियों से चली आ रही मिट्टी के दियो की परंपरा को बचाए रखने में मदद मिल सके।

बताया जाता है कि कुम्हार दिन भर मिट्टी को पानी में भिगोकर रखते हैं और सुबह चाक पर रखकर उसे गढ़ते हैं। दीये बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि पिछली दिवाली पर मिट्टी के दीये की बिक्री अच्छी हुई थी। जिससे मुनाफा भी अच्छा हुआ। इस बार भी अच्छी बिक्री कि उम्मीद है।


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!