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डीपीएस बोकारो के छात्र जयदीप ने एनडीए में पाई शानदार सफलता


Bokaro: डीपीएस बोकारो के एक और प्रतिभावान छात्र ने इस विद्यालय, बोकारो शहर और पूरे झारखंड प्रदेश का नाम पुनः राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र जयदीप घोष का चयन एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) के 149वें बैच में हुआ है। एसएसबी (सर्विस सलेक्शन बोर्ड) एग्जाम और लिखित परीक्षा (मेन) के परिणाम के आधार पर देशभर से कुल 519 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इनमें जयदीप ने अखिल भारतीय स्तर पर 211वां रैंक प्राप्त किया।
इस बैच में चयनित होने वाला जयदीप पूरे झारखंड से एकमात्र अभ्यर्थी बताया जा रहा है। उसने एनडीए में एयरफोर्स चुना था और संभवतः जनवरी 2023 के प्रथम सप्ताह में उसे जॉइनिंग लेटर मिलेगा। इसके बाद गहन प्रशिक्षण के उपरांत फ्लाइंग आफिसर के रूप में उसकी नियुक्ति होगी।
बोकारो इस्पात संयंत्र के सीआरएम विभाग में कार्यरत इस्पातकर्मी विश्वनाथ घोष एवं गृहिणी श्वेता घोष के होनहार पुत्र जयदीप ने 10वीं तक की पढ़ाई बोकारो के संत जेवियर स्कूल से की थी, जिसमें उसे आईसीएसई बोर्ड में 95.6% अंक मिले थे।
जबकि, इसी साल डीपीएस बोकारो से उसने 12वीं की परीक्षा 94.6% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। उसकी इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डीपीएस बोकारो के प्राचार्य ए. एस. गंगवार ने उसके उज्जवल भविष्य के प्रति अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थी ही डीपीएस बोकारो की धरोहर हैं। विद्यालय शुरू से ही बच्चों के सर्वांगीण विकास को लेकर प्रतिबद्ध रहा है।

रोजाना 8 घंटे पढ़ाई कर पाई कामयाबी
एक खास बातचीत में जयदीप ने बताया कि स्कूल के साथ-साथ एनडीए की तैयारी के लिए वह रोज 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई किया करता था। उसने कहा कि सैन्य-सेवा की सबसे प्रतिष्ठित एनडीए परीक्षा में लिखित परीक्षा देने वालों की संख्या लगभग आठ लाख होती है। इनमें से केवल 8000 ही क्वालीफाई कर पाते हैं। इसके बाद पांच दिनों तक एसएसबी इंटरव्यू चला और 8000 में से केवल लगभग 500 लोगों का ही चयन किया जाता है। इसके बाद उनका मेडिकल होता है और फिर अंत में यूपीएससी द्वारा फाइनल मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। संयोगवश इस मेरिट लिस्ट में उसे भी शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

बचपन से ही रही है देशसेवा की ललक
जयदीप ने बताया कि शुरू से ही उसे देशसेवा के प्रति एक ललक थी। रिश्ते में अपने एक भैया कौशिक घोष, जो आज स्क्वाड्रन लीडर के पद पर कार्यरत हैं, उनसे वह काफी प्रेरित हुआ और राष्ट्रप्रेम की भावना ने उसे एनडीए ज्वाइन करने के लिए आगे बढ़ाया। उसने बताया कि दिसंबर 2021 में इस परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी हुई थी। इस साल अप्रैल में उसने लिखित परीक्षा दी। मई में इसका रिजल्ट आया। इसके बाद 15 अगस्त से पांच दिनों तक एसएसबी एग्जाम हुआ और दोनों ही परीक्षाओं के आधार पर अंतिम परिणाम जारी हुआ।

डीपीएस बोकारो को दिया कामयाबी का श्रेय, कहा- यहीं मिली करियर को नई दशा-दिशा
जयदीप ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय डीपीएस बोकारो को देते हुए कहा कि यहीं से उसके करियर को एक नई दशा-दिशा मिली। यहां कुशल शैक्षणिक व प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए उसने वाक-कुशलता, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता आदि के गुर सीखे। ये तमाम चीजें एनडीए में खास तौर से काम आती हैं। 11वीं एवं 12वीं में होने वाली स्पेलिंग प्रतियोगिता, डिबेट कंपटीशन, खेलकूद आदि में वह खुलकर भाग लिया करता था। दूसरे विद्यार्थियों के लिए भी उसने संपूर्ण व्यक्तित्व विकास को लेकर हर प्रतियोगिता में प्रतिभागिता लेने का संदेश दिया।

संघर्ष के बूते शिखर पर पहुंचने वाले हैं आदर्श
जयदीप संघर्ष की बुनियाद पर सफलता का मुकाम हासिल करने वाले तीन शख्सियतों को अपने जीवन का आदर्श मानता है। कभी चाय बेच भारत का प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी, कार के लिए कभी तरसने वाले ट्विटर के मालिक एलन मस्क और गरीबी का दंश झेल फुटबॉल के बेताज बादशाह बने क्रिस्टियानो रोनाल्डो से वह काफी प्रेरित है। जयदीप को खेलकूद, पब्लिक स्पीकिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट आदि के क्षेत्र में भी खासी रुचि है।


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