Bokaro: झारखण्ड के धनबाद में सबसे अधिक कोयला चोरी की बात कही जा रही है, फिर भी भाजपा (BJP) सांसद और विधायक इसके खिलाफ क्यों कुछ नहीं बोलते ? जब यह सवाल भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से बुधवार को बोकारो सर्किट हाउस में पूछा गया। तो जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, क्युकी राज्य सरकार के विरोध में जो भी बोलता है, उसको तरह-तरह से केस-मुक़दमे में फंसाया जाता है। इसलिए हर कोई उतना लड़ नहीं पाता। लोग बोलने से हिचकिचाते है और बचते है। Video नीचे :
बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि भाजपा के गोड्डा सांसद बोलते है, तो उनपर दर्ज़नो केस डाल दिया गया। इसलिए भाजपा विधायक और सांसद उनको सुचना देते है और वह उनकी आवाज़ उठाते है। ऐसा नहीं है कि वह डरते है। बाबूलाल ने यह भी कहा कि वह किसी से नहीं डरते। वह झारखंड के वर्तमान स्थिति के बारे में बता रहे थे।
भाजपा (BJP) विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा कि वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए वह ‘जौहर यात्रा’ कर रहे हैं। उन्होंने कोई काम तो किया ही नहीं है। इसलिए वह ‘जौहर यात्रा’ कर सुर्खियां बटोर रहे हैं। “लेकिन एक दिन आप देखेंगे कि उनकी ‘यात्रा’ होटवार में समाप्त होगी। यह ‘जौहर यात्रा’ अंत में ‘जेल यात्रा’ में समाप्त होगी।” उनके साथ बीजेपी के मुख्य सचेतक और बोकारो विधायक बिरंची नारायण भी मौजूद थे। Video:
मरांडी ने सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए यह भी कहा कि राज्य में इतना अपराध हो रहा है और झारखंड तीन दिनों तक डीजीपी विहीन रहा। आखिर ऐसा क्या हो गया था कि यूपीएससी द्वारा तीन नाम भेजे जाने के बावजूद सरकार ने फैसला लेने में इतनी देर कर दी? उन्होंने राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन के खिलाफ झामुमो-कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।
मरांडी ने कहा, “आज पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहा है। पुलिस की निगरानी में अपराधियों का मनोबल ऊंचा है। दिनदहाड़े लोगों की हत्या की जा रही है, अपराधियों को पकड़ने के बजाय प्रशासन संरक्षण दे रहा है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बार-बार विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा 1932 के खतियान मामले में बाहरी लोगों को फायदा पहुंचा रही है। “हेमंत सरकार बताएं कि पकंज मिश्रा, अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश कौन हैं, बाहरी या अंदरूनी। क्या वह 1932 के खतियान वाले हैं?” नियोजन नीति की कमी के कारण स्थिति और भी खराब है। रोजगार के लिए युवाओं का पलायन हो रहा है।