Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL में अगर यही सिस्टम है, तो ऐसी सिस्टम की ऐसी की तैसी: राजेंद्र सिंह (NJCS)


Bokaro: बोकारो इस्पात नगर के जनवृत 2 कला केंद्र में क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) के 12वें एक दिवसीय द्विवार्षिक महासम्मेलन रविवार को आयोजित हुआ। राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ संघ के महामंत्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने भारत सरकार,राज्य सरकार एवं सेल प्रबंधन के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला।

महासम्मेलन में सेल के माइंस, दुर्गापुर, बर्नपुर एवं बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के विभिन्न विभागों से आए हुए हजारों मजदूरों एवं ठेका मजदूरों ने भाग लिया। महासम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में स्टील मेटल एंड इंजिनियरिंग वर्क्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एस डी त्यागी, फेडरेशन के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस संजय बढ़ावकर, दुर्गापुर से आए फेडरेशन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुकांतो रक्षित एवं सेल के विभिन्न माइंस से आए हुए साथियों ने अपने विचार रखे।

महासम्मेलन को संबोधित करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज पूरा तंत्र मजदूरों का शोषण करने की आदी हो चुकी है। जहां एक और भारत सरकार 44 श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों के अधिकारों पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है, वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार के कारखाना के मिनिमम वेज का कोई प्रावधान ही नहीं है। आज भी मजदूर भवन निर्माण एवं बीड़ी पत्ता के न्यूनतम मजदूरी पर कारखाना के जोखिम में काम करने को बाध्य है।

जान जोखिम में डालने के बावजूद सिर्फ मिलता है तो क्या प्रबंधन एवं सरकारो का झूठा आश्वासन। मजदूर जागृत हो चुके हैं अब यह अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा। वही सेल के नियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि एक तो विलंब से वेज रिवीजन दूसरे अब तक 39 माह के एरियर का भुगतान लंबित रखना सरासर मजदूरों के अधिकारों पर कुठाराघात है। नाइट शिफ्ट समेत अन्य भत्ते का रिवीजन अभी भी लंबित है जो ना काबिले बर्दाश्त है।संपूर्ण सेल समेत बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) मेनपावर की घोर कमी से जूझ रहा है।

जहां एक तरफ सेल (SAIL) प्रबंधन एनजेसीएस में समझौता करती है कि स्थाई प्रकृति के कार्यों में आउटसोर्सिंग नहीं होगी वही दूसरी तरफ आज पूरे सेल को आउटसोर्स किया जा रहा है। इतना हीं नहीं आउटसोर्स मजदूरों की भी हकमारी चरम पर है। उत्पादन सीमा को बढ़ाकर इंसेंटिव एवं रिवार्ड को कम करने की साजिश हो रही है इसको शोषण नहीं तो क्या कहें?

आज तक कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रितों को ना तो मुआवजा मिला और ना ही नियोजन जबकि भारत सरकार,राज्य सरकार एवं अन्य पब्लिक सेक्टर के संयंत्रों में ऐसे आश्रितों को सब सुविधाएं मिली। तो क्या सेल भारत सरकार की नियमों से अपने आप को ऊपर मानती है ये तो प्रबंधन के मानसिक दिवालियेपन का जीता जागता उदाहरण है।

सिंह ने कहा कि आज खासकर सेल बोकारो (SAIL-BSL) प्रबंधन शोषण का जीता जागता पर्याय बन चुकी है जिस प्रकार यहाँ कार्य दुर्घटना ग्रस्त मजदूरों की मौत को बीमारी का रुप दिया जा रहा है मृतक समेत संपूर्ण परिवार का शोषण नहीं तो क्या है? अक्टूबर 2022 में स्वर्गीय नंद कुमार की कार्य के दौरान मृत्यु के शिकार होने की घटना को हार्टअटैक बताना अधिकारियों की सिर्फ पदोन्नति लोलुपता कहां तक जायज है? क्या अधिकारीगण मजदूरों के शव को लांघकर पदोन्नती पाने के आदी हो चुके हैं ? अगर यही सिस्टम है तो ऐसी सिस्टम की ऐसी की तैसी।

महासम्मेलन के माध्यम से ऐसे अधिकारियों को सचेत करना चाहता हूं कि संभल जाए नहीं तो जिस दिन मजदूर अपने पर आ जाएंगे तो जड़ से उखाड़ कर फेंक देंगे। ना ग्रेच्युटी ना ग्रुप इंश्योरेंस और ना ही किसी प्रकार के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तो किस काम की यह नियम कानून ।आज इस महासम्मेलन के माध्यम से मजदूरों की ओर से मैं प्रबंधन को चेतावनी दे रहा हुँ कि अगर प्रबंधन नहीं समझती है तो मजदूर आर-पार की आखिरी लड़ाई को विवश होंगें।

महासम्मेलन को संबोधित करते हुए दुर्गापुर से आए क्रांतिकारी नेता एसएमईएफआई के कार्यकारिणी सदस्य सुकांतो रक्षित ने कहा की अगर एचएमएस सक्रिय भूमिका नहीं निभाता तो 30 जून की हड़ताल ऐतिहासिक नहीं होती। रक्षित ने कहा कि एचएमएस आंदोलन में निर्णायक भूमिका निभाती है और यूनियन की तरह प्रबंधन की दलाली नहीं करती है।

स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एस डी त्यागी ने कहा कि आज सरकार जिस प्रकार से मजदूर विरोधी नीतियां बनाती जा रही है इसका पुरजोर विरोध करना आवश्यक हो गया है। देश के किसानों की एकता से हमें सीख लेनी चाहिए कि किसानों ने किस प्रकार से केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति को वापस लेने के लिए विवश कर दिया। आज पूरे देश के मजदूरों को एक होने का वक्त आ चुका है।

महा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत कर रहे स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस संजय बढ़ावकर ने शिवाजी महाराज की जयंती पर नमन करते हुए इस महा आयोजन के लिए बोकारो के मजदूरों एवं यूनियन को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी श्रम कानून के खिलाफ जमकर हल्ला बोला ।

बढ़ाकर ने कहा कि देश के मजदूरों को गुलाम एवं अपने पूंजीपति साथियों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार मजदूर विरोधी नीति पर काम कर रही है जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। मजदूरों की एकता और मेहनत के बल पर आज पूरे भारत में एचएमएस एक प्रमुख मजदूर संगठन के रूप में उभरी है।आज आपका संगठन गैर राजनीतिक ट्रेड यूनियन में संपूर्ण भारत में सर्वोच्च शिखर पर है।

कार्यक्रम मे सर्वसम्मति से तीस सूत्री प्रस्ताव को पारित करते हुए आगे की रणनीति पर चर्चा की गयी तथा आगामी सत्र के लिए लोकतांत्रिक प्रकिया का पालन करते हुए सर्वसम्मति से युनियन के अध्यक्ष के रूप में बच्चा सिंह पूर्व मंत्री झारखंड प्रदेश एवं महामन्त्री के पद के लिए राजेंद्र सिंह का चुनाव किया गया।

चुनाव के बाद पुनः निर्वाचित महामंत्री राजेंद्र सिंह ने महासम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रीय नेताओ समेत सेल के विभिन्न ईकाईयों से आये हुए कर्मचारियों,माइंस एवं सेल बोकारो इस्पात संयंत्र के मजदूरों,ठेका मजदूरों, महिला कर्मियों,युनियन के कार्यकर्त्ताओं पदाधिकारियों, मीडिया के साथियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारीयों के प्रति आभार प्रकट किया।


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