Bokaro: जून 2023 में बर्लिन, जर्मनी में होने वाले स्पेशल ओलम्पिक में भारतीय टीम भी देश का नाम रोशन करने को उत्साहित है. इसकी तैयारी के सिलसिले में बीएसएल संचालित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 27 सितम्बर को चार दिवसीय फाइनल सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप का शुभारंभ अधिशासी निदेशक(कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कुमार ने किया.
इस दौरान बीएसएल के भूतपूर्व अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) मुकुल प्रसाद, स्पेशल ओलंपिक भारत (झारखंड) के असिस्टेंट एरिया डायरेक्टर सतबीर सिंह सहोटा, बीएसएल के वरीय अधिकारी, सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप में शामिल होने वाले खिलाड़ी एवं प्रशिक्षक उपस्थित थे.
सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप का शुभारंभ अतिथियों ने गुब्बारे छोड़कर किया. सतवीर सिंह सहोटा ने इस आयोजन के लिए बीएसएल के सीएसआर के तहत उपलब्ध कराई गई बेहतरीन सुविधाओं के लिए प्रबंधन के प्रति आभार प्रकट किया और फाइनल सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप की रूपरेखा की जानकारी दी.
संजय कुमार ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को स्पोर्ट्स के माध्यम से समाज के मुख्यधारा में लाने के इस अभियान का हिस्सा बनना सेल-बोकारो स्टील प्लांट के लिए गर्व की बात है. उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को कैंप की सफलता की शुभकामनायें दी और विश्वास जताया कि यहाँ से चुने जाने वाली टीम जर्मनी में भारत का नाम रोशन करेगी.
विशिष्ट अतिथि मुकुल प्रसाद ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें शुभकामनाएँ दी. अंत में बीएसएल के महाप्रबंधक(सीएसआर) सीआरके सुधांशु ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा कार्यक्रम का संचालन एस भटनागर ने किया.
मानसिक रूप से दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए बोकारो स्टील प्लांट के सीएसआर के तहत बैडमिंटन, साइकिलिंग, फुटबाल तथा फुटसल के लिए फाइनल सेलेक्शन सह कोचिंग कैम्प का आयोजन किया जा रहा है.
30 सितम्बर तक चलने वाले इस कोचिंग कैम्प में पूरे देश से आये वैसे खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं जिनका पूर्व में आयोजित सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप में चयन किया गया था. इनमें पुरुष वर्ग में 57 खिलाड़ी तथा महिला वर्ग में 41 खिलाड़ी शामिल हैं. बैडमिंटन, सायकिलिंग, फुटबाल तथा फुटसल के लिए आयोजित इस फ़ाइनल सेलेक्शन सह कोचिंग कैंप में चयनित खिलाड़ी ही बर्लिन स्पेशल ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
उल्लेखनीय है कि बीएसएल अपने सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य और खेल को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में लंबे समय से काम करती रही है. बीएसएल अब दिव्यांग बच्चों के उत्थान के क्षेत्र में भी लगातार काम करने और खेल के माध्यम से उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के मुहिम में शामिल हो रही है.