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JIADA Bokaro region: बिजली संकट से उद्योगों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित


Bokaro: जियाडा औद्योगिक क्षेत्र में संचालित उद्योगों का बिजली संकट से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उद्योगपतियों ने दावा किया है कि उन्हें दिन के दौरान कई घंटे से अधिक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। जनरेटर का उपयोग करने से उत्पादन लागत बड़ी है क्योंकि डीजल की कीमत भी 102 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

JIADA बोकारो क्षेत्र के बालीडीह क्षेत्र में लगभग 450 उद्योग हैं। इनमें से करीब 150 काम कर रहे हैं। झारखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश केजरीवाल ने कहा, “बिजली संकट के कारण उद्योग मालिकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच दिनों से बिजली संकट के कारण 100 से अधिक उद्योगो का उत्पादन प्रभावित हुआ है।”

भाजपा के मुख्य सचेतक और बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने भी लंबे समय तक बिजली कटौती पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है की, इससे आम लोगों जनजीवन के साथ-साथ यहां के उद्योगों का प्रोडक्शन भी प्रभावित हुआ है। विधायक ने कहा, ‘झामुमो-कांग्रेस सरकार बिजली संकट को गंभीरता से नहीं ले रही है”।

विधायक ने यह भी कहा, “बिजली संकट के कारण यहां के उद्योगों को भारी कठिनाई और नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा सरकार के दौरान जैनामोड़ और बरमसिया में दो पावर ग्रिड और पिंडराजोडा और नारायणपुर में दो बिजली सब-स्टेशन स्थापित किया गया हैं, लेकिन यह सरकार उसपर ध्यान नहीं दे रही है।”

विधायक ने कहा, “अगर राज्य सरकार बिजली संकट के समाधान के लिए जल्द गंभीर कदम नहीं उठाती है तो भाजपा बिजली संकट के विरोध में व्यापक प्रदर्शन करेगी”।

हालाँकि, JIADA बोकारो क्षेत्र में डालमिया, सेल-बंसल जैसे बड़े उद्योग और तेल कंपनियों के डिपो भी हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश बड़े उद्योग दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) द्वारा आपूर्ति की जाने वाली बिजली पर चलते हैं। वहीं एमएसएमई या छोटे उद्योगों के लिए डीवीसी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए वे झारखंड बिजली विभाग की बिजली आपूर्ति पर निर्भर हैं।

विनय सिंह, जो बोकारो केबल और कंडक्टर प्राइवेट सहित तीन उद्योगों के मालिक हैं, ने कहा, “विशेष रूप से काम के घंटों के दौरान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक लगातार बिजली कटौती ने उनके उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हम उत्पादन के लिए जनरेटर का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि इससे इसकी लागत बढ़ जाती है और हमारे उत्पादों का बाजार मूल्य बाद जायेगा। सरकार को कम से कम रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों के लिए बिजली संकट खत्म करना चाहिए।

अजय केमिकल के मालिक, अजय केडिया ने कहा, “यहां के उद्योग बहुत कठिन स्थिति से गुजर रहे हैं। चार-पांच बार बिजली कटौती होती है, जिससे न सिर्फ उत्पादन प्रभावित होता है बल्कि मशीनरी भी खराब होती है। सरकार को कुछ करना चाहिए।”

JSEB के महाप्रबंधक, अजीत कुमार ने कहा, “DVC से बिजली आपूर्ति में तकनीकी समस्या थी जिससे बिजली कटौती हुई थी। अब समस्या का समाधान कर दिया गया है। उद्योगों को उचित बिजली आपूर्ति मिलेगी।”


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