Report by S P Ranjan
Bokaro: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा बोकारो के पार्टी कार्यकर्ता उमेश कुमार गुप्ता को नया जिला अध्यक्ष बनाया गया है। उमेश गुप्ता का नाम जिलाध्यक्ष में आने के बाद पार्टी के अंदर और बाहर चर्चा का माहौल गर्म है। बता दें, उमेश कुमार गुप्ता ने 2016 में कांग्रेस ज्वाइन किया था।
कांग्रेस से जुड़ने के छह सालो के अंदर उमेश गुप्ता ने जिले के पुराने दिग्गज कांग्रेसियो को पछाड़ कर जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि वह दुंदीबाग़ में फल और सब्जी के थोक व्यवसायी है। नेशनल हॉकर फेडरेशन के बोकारो इकाई से जुड़े 22,000 फुटपाथ दुकानदारों की आवाज़ है। दुंदीबाग़ के 4000 फल-सब्जी विक्रेता और दुकानदारों के एसोसिएशन के प्रेजिडेंट भी है।
उमेश कुमार गुप्ता ने 2014 में बोकारो सीट से निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे। क्योंकि उनका उस समय मिर्चा का बड़ा व्यवसाय था, इसलिए उन्होंने मिर्ची छाप पर चुनाव लड़ा था। उनका कहना है कि पूरी लगन और मेहनत से उन्होंने 2019 विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को सपोर्ट किया था, जिसका इनाम पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष बना कर दिया है।
शुरू से जुझारू रहे 45 वर्षीय उमेश कुमार गुप्ता के जिला अध्यक्ष बनने से दूंगीबाग के लोगों में हर्ष का माहौल है। शुरू से उमेश कुमार गुप्ता अपने आप को झुग्गी झोपड़ी और फुटपाथ दुकानदारों के बीच का बताते हैं। अपनी राजनीति का आधार भी उन्हीं को मानते है।
उमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि वह राजनीती नहीं जानते है, सिर्फ काम जानते है। काम के बदौलत वह यहां तक पहुंचे है। जिला अध्यक्ष बनने के बाद उनकी जिम्मेवारी बढ़ गई है। उनका पहला मुख्य एजेंडा तीन है। ग्रामीण इलाको में पार्टी को मजबूत करना है। साथ ही बोकारो शहर में फुटपाथ दुकानदारों को सिस्टम में लाना। विस्थापितों के हक़ की लड़ाई को मजबूती देना।
उमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि “आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बोकारो-धनबाद से भाजपा का सूपड़ा साफ़ करना है।अबकी बार विधायक और सांसद कांग्रेस के ही होंगे यह निश्चित मानिये”।
जिला अध्यक्ष बनने की रेस में उमेश कुमार गुप्ता ने जिले के कई दिग्गज कांग्रेसियों को पीछे छोड़ दिया है। आने वाले राजनीतिक परिदृश्य में उमेश कुमार गुप्ता पार्टी को कितना मजबूत कर पाते हैं और विपक्ष पर कितना हावी हो पाते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल अपने पार्टी में सभी अपनों को समेटना उनके लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफ़ा
खालिद खान ने कहा कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रसारित जिला कांग्रेस अध्यक्षों की सूची देखने पर मुझे बहूत ही अफ़सोस और शर्मिंदगी का एहसास हुआ। झारखंड के किसी भी जिला में किसी भी अल्पसंख्यक खास कर मुसलमानो को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया गया। जबकि आबादी के प्रतिशत के हिसाब से 5 – 6 ज़िलों में मुसलमानों को जिला अध्यक्ष बनाना चाहिए।
ऐसा प्रतीत होता है कि मुसलमानों को केवल वोट देने तक ही सीमित रखा जा रहा है। ऐसा कर झारखंड कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यकों को बेवक़ूफ़ बनाने की कोशिश कर रही है। जिसका मैं पुरज़ोर विरोध करता हूँ। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों से अपील करता हूँ की जल्द से जल्द प्रकाशित सूची को रद्द करते हुए झारखंड के मुसलमानों के साथ न्याय किया जाए।
जब तक सूची का संशोधन नहीं हो जाता और मुसलमानों को उसका हक़ नहीं मिल जाता तब तक मैं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष पद के साथ साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ। आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव सरदार संतोष सिंह, हेड मास्टर साहब, मासूम रज़ा, समसुद्दीन अंसारी, सद्दाम हुसैन, इमामुल अंसारी, इरफ़ान खान, राजू भाई, छोटू जी, मनोज जी, निखिल ओझा जी, एवं बहुत सारे कार्यकर्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित थे