Bokaro: चतरा ज़िले में रूपये लेकर बेचे गए नवजात बच्चे को बोकारो से बरामद कर लिया गया है। इस मामले में बोकारो में 3 आरोपियों सहित कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमे की बच्चे की माँ भी है।
बताया जा रहा है कि बच्चे को बेचने की डील 4.50 लाख रुपए में हुई थी। लेकिन एक लाख रुपए ही नवजात शिशु की माँ को दिया गया था। शेष राशि बिचौलिये आपस में बांट लिए थे। जानकारी के अनुसार हरला थाना पुलिस और चतरा पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत बोकारो में बसंती मोड़ में छापेमारी कर एक बिचौलिया रजनीकांत को गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में सदर अस्पताल की सहिया और एनटीपीसी की कमी के अलावा चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो के सरकारी और निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों की संलिप्ता भी सामने आई है। इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन साढ़े चार लाख में हुए नवजात के सौदे को लेकर सभी पक्ष अपना अपना बचाव करते नजर आ रहे है।
बताया जा रहा है कि चतरा के सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली आशा देवी ने अपने नवजात बेटे को साढ़े चार लाख में हजारीबाग के विष्णुगढ़ के रहने वाले बीरेंद्र कुमार और उसकी पत्नी रीना देवी को बेच दिया था। इस डील को कराने में तीन बिचौलिये भी शामिल थे।
चतरा पुलिस के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने लगातार छापेमारी चलाकर कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बच्चे को जन्म देने वाली माँ आशा देवी का कहना है कि चतरा सदर अस्पताल में प्रसव के बाद सहिया दीदी ने उनसे बच्चा लिया था। उसने कहा कि वो इस बच्चे का लालन-पालन करेंगी। मां का ये भी कहना है कि हमने किसी से अपने बच्चे का सौदा नहीं किया है और ना ही किसी से पैसा लिया है।
वहीं पूरे मामले में गोद लेने वाली महिला रीना देवी का का साफ कहना है कि उन्होंने बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है। पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने इस नवजात को खरीदा था। जिसे पढ़ा-लिखाकर बुढ़ापे का सहारा बनाने की मंशा थी।