Bokaro: डिजिटल ट्रांसफॉर्मशन, सेफ्टी और टेक्निकल समस्याओ के समाधान के लिए बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) ने भारत के प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज आईआईटी रुड़की (IIT – Roorkee) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बीएसएल एडवांस टेक्नोलॉजी और रिसर्च के मदद से अपने कार्य क्षमता को और भी सशक्त करने में जुटा है।
कोक और सिंटर उत्पादन, कच्चे माल की हैंडलिंग और प्रसंस्करण, लोहा और इस्पात उत्पादन और तकनीकी समस्या की पहचान और निवारण करने संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर सेल-बोकारो स्टील प्लांट और आईआईटी रुड़की साथ काम करेंगे। दोनों के बीच MOU वर्चुअल मीट के माध्यम से हुआ।
बीएसएल की ओर से अतानु भौमिक, ईडी (वर्क्स) और IIT रुड़की की ओर से प्रो. विमल श्रीवास्तव (HOD केमिकल इंजीनियरिंग विभाग), IIT रुड़की ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। साथ में प्रो. मनोरंजन परिदा (उप निदेशक, IIT रुड़की), प्रो. G. P चौधरी, (धातुकर्म और सामग्री के प्रमुख, IIT रुड़की) और प्रो. संजीव मन्हास उपस्थित थे।
भौमिक ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन, पर्यावरण और सुरक्षा सहित इस्पात संयंत्र के विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजना में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे लोगो के पास काम का काफी अनुभव है, आईआईटी रुड़की के शिक्षाविदों के पास विशाल ज्ञान और विशेषज्ञता है। दोनों संगठनों के तालमेल से हमे अपने मूल्यों का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
एस मुखोपाध्याय, सीजीएम (मेंटेनेंस और डिजिटल चैंपियन) ने बताया कि आईआईटी रुड़की के साथ जुड़कर हम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, संचालन और रखरखाव के क्षेत्रों में बेहतर होंगे। प्रो. विमल श्रीवास्तव, आईआईटी रुड़की (एचओडी केमिकल इंजीनियरिंग विभाग) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस्पात निर्माण, उद्योग-4.0 टेक्नोलॉजी और डिजिटल परिवर्तन से संबंधित कोर R&D क्षेत्रों में अच्छी संख्या में सहयोग की उम्मीद की।
प्रो. जी. पी. चौधरी, (धातुकर्म और सामग्री के प्रमुख, आईआईटी रुड़की) ने भी विभाग में किए गए अत्याधुनिक सिमुलेशन की जानकारी दी और सेल-बीएसएल इंजीनियरों को आईआईटी रुड़की का दौरा करने और गहराई तक जानने के लिए उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया। मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्रों में अनुसंधान भी इस समझौते का हिस्सा है।
प्रो. संजीव मन्हास ने भी इस एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रो. मन्हास सतत शिक्षा केंद्र, आईआईटी रुड़की के मुख्य समन्वयक थे और उन्होंने बीएसएल इंजीनियरों के लिए उद्योग-4.0 डोमेन (आईओटी, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग) में दो पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किए हैं।