Hindi News

अब सीमेंट उत्पादन का भी केंद्र बन उभर रहा बोकारो, डालमिया सीमेंट के विस्तार की कुछ ऐसी है चर्चा


Bokaro: डालमिया भारत की सहायक कंपनी डालमिया सीमेंट (भारत) का झारखण्ड के बोकारो में Rs 550 करोड़ के विस्तार योजना की देशभर में चर्चा है। जहा एक तरफ बोकारो का सीमेंट प्लांट डालमिया ग्रुप (Dalmia Group) का प्रमुख केंद्र बन गया है, वही सीमेंट सेक्टर के दूसरे निवेशकों की उत्सुकता भी बढ़ी है। एहि नहीं, कंपनी के एमडी और सीईओ महेंद्र सिंघी भी बोकारो सीमेंट प्लांट के विस्तार के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने को ले संजीदा है।

स्टील उद्योग, पावर प्लांट, कोल-बेड मीथेन गैस और कोयले के खदानों के लिए जाना जाने वाला बोकारो अब सीमेंट इंडस्ट्री का भी केंद्र बन कर उभर रहा है। उम्मीद है आने वाले समय में, स्टील प्लांट का बाइ-प्रोडक्ट स्लैग और पावर प्लांट का फ्लाई ऐश, कई सीमेंट कंपनियों को इस इलाके में अपनी यूनिट लगाने के लिए आकर्षित करेगा। सेल के बोकारो स्टील प्लांट से फ्लाई ऐश बांग्लादेश सीमेंट प्लांटों में भेजा जा रहा है। वहीं इलेक्ट्रोस्टील और गिरिडीह में संचालित दर्ज़नो स्टील-सरिया मिल्स का स्लैग भी सीमेंट उद्योगों के काम आ रहा है।

हाल ही में एक प्रमुख अंग्रेजी अख़बार को दिए गए अपने इंटरव्यू में डालमिया के एमडी और सीईओ महेंद्र सिंघी ने कई बार बोकारो सीमेंट प्लांट के विकास और उसके विस्तार की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कंपनी मार्च 2024 तक अपनी सीमेंट प्रोडक्शन की क्षमता को बढ़ाकर 48.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) करने का इरादा रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले एक या दो साल सीमेंट क्षेत्र के लिए अच्छे होंगे। अंग्रेजी अख़बार को दिए गए डालमिया सीईओ के इंटरव्यू के कुछ अंश:

ऊर्जा की ऊंची कीमतों ने डालमिया सीमेंट (Dalmia Cement) को प्रभावित किया
हमने साल-दर-साल 6% की बिक्री की मात्रा में वृद्धि हासिल की, जबकि बिक्री राजस्व में Q2 में 11% की वृद्धि हुई। ऊर्जा की कीमतें – बिजली और ईंधन की लागत – प्रमुख मुद्दे थे, लेकिन हमारे पास कुछ इन्वेंट्री और पूर्व के आदेश थे जिन्होंने हमें प्रभाव को कुछ कम करने में मदद की। बढ़ती सीमेंट की मांग से ऐसा प्रतीत होता है की उद्योग दिसंबर तक पूर्व-कोविड परिदृश्य में वापस आ जायेगा।

बोकारो में 2 मिलियन डॉलर के प्लांट की स्थिति
बोकारो का सीमेंट प्लांट शेड्यूल के अनुसार आगे बढ़ रहा है। हम ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया है, सीमेंट मिल के लिए ऑर्डर दिए हैं और जल्द ही निर्माण गतिविधि शुरू करेंगे। हमारे सभी संयंत्रों में, हम मार्च 2022 तक 36 एमटीपीए (अभी 33 एमटीपीए से) और मार्च 2024 तक 48.5 एमटीपीए की सीमेंट ग्राइंडिंग क्षमता तक पहुंचने का इरादा रखते हैं।

क्षमता वृद्धि कहां से आएगी?
कटक लाइन को पहले ही चालू कर दिया गया है, और दो-तीन महीनों में मुरली (महाराष्ट्र) और बोकारो संयंत्रों के चालू होने के बाद, हम 36 एमटीपीए तक पहुंच जाएंगे। अगले दो वर्षों में, हम तमिलनाडु, बिहार, बोकारो में नई क्षमता जोड़ेंगे और अपने मौजूदा संयंत्रों की बाधाओं को भी दूर करेंगे। तो, इन सभी से 48.5 एमटीपीए हो जाएगा, और अगले तीन वर्षों में लगभग 9,000-10,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी। पूंजीगत व्यय मुख्य रूप से आंतरिक स्रोतों और ऋण के माध्यम से जुटाया जाएगा।

 

Sources: Financial Express


Similar Posts

One thought on “अब सीमेंट उत्पादन का भी केंद्र बन उभर रहा बोकारो, डालमिया सीमेंट के विस्तार की कुछ ऐसी है चर्चा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!