Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

दुर्लभ सर्जरी: सड़क दुर्घटना में खोया चेहरा, BGH के डॉक्टरों ने कान के पीछे का स्किन निकाल बनाया नया चेहरा


Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के डॉक्टरों ने फिर अपना जोहर दिखाया है। एक 50 वर्षीय शख्स जिसका चेहरा सड़क दुर्घटना में बुरी तरह विकृत हो गया था और उसे बेहद गंभीर अवस्था में उखड़ती सांसो के साथ अस्पताल लाया गया था, उसकी ना सिर्फ जान बचाई बल्कि प्लास्टिक सर्जरी कर उसके चेहरे को बनाया और नया लुक दिया।

घायल शख्स के चेहरे के बाएं तरफ की चमड़ी-त्वचा सड़क पर रगड़ाने से ख़त्म हो गई थी। अंदर का जबड़ा, वह भी टुटा हुआ सिर्फ बचा था और दिख रहा था। सेक्टर-12 निवासी 50 वर्षीय ललन प्रसाद के लिए बीजीएच के डॉक्टरों ने उसे यह नई ज़िन्दगी दी है।

ऐसे हुई थी दुर्घटना –
ललन प्रसाद 4 नवंबर 2022 को स्कूटी चलाकर जाते हुए जैनामोड़ में स्किड कर दुर्घटना में घायल हो गए थे। लोगो ने प्रसाद को तुरंत एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) रेफर कर दिया था।

बीजीएच पहुंचने पर, प्रसाद न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हुए। चुकी वह हेलमेट पहने हुए इसलिए उनके सर में हलकी चोट आई थी पर सामने के चेहरे में गंभी चोट लगी थी। न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने उनकी स्थिति स्थिर होने के बाद, अस्पताल के दूसरे सर्जरी विभाग में प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. अनिंदा मंडल की इकाई में शिफ्ट कर दिया।

यह थी सर्जरी करने वाली डॉक्टरों की टीम –
डॉ मंडल की टीम ने पाया कि ललन प्रसाद के चेहरे को सामान्य दिखने और काम करने की स्थिति में लाने के लिए पुनर्निर्माण सर्जरी (Reconstructive surgery) की आवश्यकता है। फिर ऑपरेशन की टीम तैयार हुई जिसका नेतृत्व प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अनिंदा मंडल ने किया। टीम में डॉ. अभिषेक खलखो, डॉ. आयुष, एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत दाम, डॉ. राजेश जीना, डॉ. निधि, डॉ. राजेश राज, डॉ. पीके द्विवेदी शामिल थे।

तीन चरण में हुआ ऑपरेशन-
ऑपरेशन को लेकर प्लानिंग की गई। प्रक्रिया में तीन चरण शामिल थे और कुल मिलाकर नौ घंटे का ऑपरेशन था। पहला चरण टूटे हुए जबड़े का पुनर्निर्माण करना। उसके बाद दूसरा चरण था मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करना। तीसरे और अंतिम चरण में त्वचा का पुनर्निर्माण शामिल था। इस दुर्लभ प्रक्रिया में कॉस्मेटिक पुनर्निर्माण की आवश्यकता थी ताकि मरीज का चेहरा यथासंभव सामान्य दिखाई दे।

डॉ मंडल ने बताया कि सर्जरी नाजुक थी और त्वचा, मांसपेशियों और हड्डियों सहित ललन प्रसाद के चेहरे के क्षतिग्रस्त क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए चिकित्सा तकनीकों का उपयोग शामिल था। सर्जरी तीन चरणो में की गई। पहली सर्जरी साढ़े चार घंटे की थी, दूसरी डेढ़ घंटे और तीसरी तीन घंटे की। कान के पीछे से ऊपरी स्किन को निकालकर चेहरे के खाली जगह, गड्ढे को भरते हुए ऊपरी त्वचा बनाई गई। दूसरी साइड के गाल के अंदर के चमड़े के ऊपरी लेयर को निकालकर उसे लगाया गया।

वापस लौटा चेहरा-
चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, बीएसएल (BSL), मणिकांत धान ने बताया कि बीजीएच के डॉक्टरों ने सर्जरी की और वह सफल रही। ललन प्रसाद का चेहरा अब लगभग सामान्य के करीब हो गया है। उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। धीरे-धीरे वह लिक्विड डाइट पर आ गए है और बहुत जल्द सामान्य खाना खाने लगेंगे।

ललन प्रसाद ने बताया कि छह बेटियों के पिता है। परिवार में अकेले कमाने वाले हैं। उन्होंने बीजीएच के डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था, लेकिन डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों ने उनकी बेहतरीन देखभाल की, जिससे उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद मिली।

बता दें बीजीएच (BGH) सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का अस्पताल है।


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!