Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

अतिक्रमण को ले राज्य भर में BSL बना उदाहरण, मुख्यमंत्री ने कह दी इतनी बड़ी बात


Bokaro: झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बोकारो इस्पात संयत्र (BSL) को इंगित कर बड़ी बात कही है। मुख्यमंत्री ने बीएसएल के जमीन में हो रहे बेहिसाब अतिक्रमण का उदाहरण देकर, दूसरे उद्योग घरानों से आग्रह किया है कि अगर वह राज्य में उद्योग लगाने के लिये ज़मीन लिए है, तो उद्योग ही लगाए न की अतिक्रमण कराये। सरकार उनके उद्योग लगाने में हर संभव सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री ने डालमिया सीमेंट के दूसरी ग्राइंडिंग यूनिट के शिलान्यास समारोह में कहा “बीएसएल प्लांट देश का सिर्फ नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट कभी हुआ करता था। अब व्यवस्था के काल चक्र में कभी आगे जाता है, कभी पीछे आता है। केंद्र का उपक्रम रहने की वजह से हमलोग बहुत ज्यादा इंटरफेरेंस नहीं करते है। लेकिन हमारा प्रयास रहता है की बीएसएल जैसे एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट रहा वैसे ही उस जगह को पुनः प्राप्त करे।”

मुख्यमंत्री ने मंच से यह भी कहा कि “क्युकी हम सब ने, यहां के रैयतों ने, यहां के मूलवासियों ने, यहां के आदिवासियों ने, यहां के दबे-कुचले, अल्पसंख्यक लोगों ने हज़ारो-हज़ार एकड़ भूमि इनको (बीएसएल) उद्योग लगाने के लिए दिया है। मैं समझता हूँ, अगर उद्योग लगाने के लिए जमीन दिया गया है, तो सभी उद्योग घरानो से एहि आग्रह होगा कि आप उद्योग लगाने का काम करे, न की ज़मीन एनक्रोच कराने का काम करें। नहीं तो इससे फिर उद्योग घराने के लिए दिक्कत होगी और सरकार के लिए भी नई चुनौती खड़ी होगी।”

बता दें, बीएसएल प्रबंधन के स्तिथलता के कारण पिछले दो दशकों में उसके अधिग्रहित ज़मीन में जम कर अतिक्रमण हुआ है। शहर में 2000 एकड़ से भी कही ज्यादा जमीन पर अतिक्रमण है। यह वही ज़मीन है जिसे बीएसएल ने यहां के रैयतों से उद्योग लगाने के नाम पर लिया था। अपनी भूमि पर हुए अतिक्रमण से यहां के विस्थापितों और मूलवासी काफी दुखी है। आज भी सैकड़ो परिवार बीएसएल से नौकरी की मांग करते हुए आंदोलन करते रहते है।

विस्थापितों ने अब बीएसएल से अपनी खाली जमीनों का वापस मांगना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उद्योग लगाने के लिए जमीन लिए थे, पर हुआ अतिक्रमण। बीएसएल उनको उनकी जमीन वापस कर दें। डालमिया के कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बीएसएल जमीन पर अतिक्रमण वाले बड़े ब्यान से बीएसएल प्रबंधन की भारी फजीहत हुई है।

मुख्यमंत्री का यह ब्यान यह दर्शाता है की झामुमो सरकार अतिक्रमण के खिलाफ है। अगर अभी भी बीएसएल, शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कड़ा कदम नहीं उठाता है, तो राज्य में आने वाले हर छोटे-बड़े उद्योग के लिए उसका उदाहरण बनता रहेगा। ऐसे माहौल में बीएसएल के विस्तारीकरण का प्लान कितना सफल होगा यह तो आने वाला वक़्त बताएगा।


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