Bokaro: प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल, बोकारो में बाल दिवस के अवसर पर विज्ञान प्रदर्शनी, कला प्रदर्शनी और विद्यालय आनंद भोज का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिसर सहित खेल के मैदान को बड़े आकर्षक तरीके से सजाया गया था ।
विद्यालय स्तर पर चयनित कुल 58 परियोजनाओं को विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। विद्यालय के सौ से भी अधिक छात्र अपने ग्रुप लीडर एवं गाइड टीचर के साथ अपने- अपने स्टालों में बड़े जोश एवं उत्साह के साथ प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे थे।
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्री अय्यप्पा पब्लिक स्कूल प्रबंधन समिति के प्रभारी अध्यक्ष ई. सुशीलन उपस्थित थे।
सुशीलन ने प्रवेष द्वार पर फीता काटकर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। उनके साथ प्रबंधन समिति के वाइस चेयरमेन सुरेष के ए, सचिव डी शषिकुमार, निदेषक मण्डल के सदस्य मोहनन नायर एवं विद्यालय के निर्देशक डा. एस. एस. महापात्रा, प्राचार्या पी. शैलजा जयकुमार, जज डी. कुमार, डा. डी. के सिन्हा, सचिन एवं उप प्राचार्या राजालक्ष्मी उपस्थित थे।
सुशीलन ने सभी स्टालों का गहनता से भ्रमण किया। अध्यक्ष ने कार्यक्रम का उद्धाटन किया और वाइस चेयरमेन ने सभा को संबोधित किया। संबोधन में छात्रों के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए अपने विद्यालयी अनुभवों को भी सबके साथ साझा किया। कक्षा 5 से 12वीं तक समूहों में कुल 58 परियोजनाओं की प्रदर्शनी में स्थान मिला। इन परियोजनाओं को आई. टी., गणित, विज्ञान (भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान), वाणिज्य और कला क्षेत्र के आधार पर बाँटकर अलग स्टाल सजाए गए थे।
विद्यालय के निर्देशक डा. एस. एस. महापात्रा ने सभी छात्रों से और अधिक नवाचार कर अपने – अपने मॉडल को और अधिक बेहतर एवं सर्वश्रेष्ठ बनाने का आहवान किया और छात्रों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि इन्हीं में से कई मॉडल एवं विचार आनेवाले दिनों में हमारे जीवन को और भी आसान एवं हमारे पर्यावरण की रक्षा करेंगे।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पी. शैलजा जयकुमार ने कहा कि अभी हमारे देश में प्लास्टिक एवं कचरा का निपटारा एक प्रमुख समस्या है। उन्होंने सभी छात्रों से आग्रह किया कि अपने मॉडलों को बनाने में प्लास्टिक एवं थर्मोकोल का कम से कम प्रयोग करें। हमारे छात्रों के विचार, योजनाएँ एवं आविष्कार ही हमारे भविष्य को सुरक्षित बनाएंगे।
आज के प्रदर्शनी में निर्णायक मंडली (जज) के रूप में श्री डी. कुमार, डॉ. डी. के. सिन्हा और श्री सचिन उपस्थित थे। सभी जजों ने प्रत्येक मॉडलों का बड़ी गहनता से निरिक्षण किया। निर्णायक मंडली के सदस्यों ने सभी छात्रों से उनके मॉडलों तथा परियोजना से संबंधी लाभ एवं हानियों के बारे में जानकारी ली। जजों ने सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया एवं उनके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कला प्रदर्षनी के स्टालों ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकृष्ट किया। छात्रों के द्धारा बनाये गए ड्राइंग, पेटिंग ने सबों का मन मोह लिया। कला प्रदर्षनी में बच्चों की प्रतिभाएँ स्पष्ट झलक रही थी।
प्रदर्शनी में छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावको का उत्साह चरम पर था। विद्यालय आनंद भोज में विभिन्न प्रकार के स्वास्थ वर्द्धक एवं स्वादिष्ट खान-पान के स्टाल लगे थे। इन स्टालों में छात्र एवं अभिभावक गण बड़े चाव से खा-पी रहे थे। छात्रों एवं अभिभावकों के मुस्कुराते हुए चेहरे एवं उनकी संतुष्टि उस कार्यक्रम की सफलता की कहानी स्वयं बयाँ कर रहे थे। कुछ छात्र चाचा नेहरू की वेष-भूषा में घूमकर पंडित जवाहरलाल नेहरू के संदेषो को लोगो से साझा कर रहे थे। उनकी झाकियाँ बड़ी मनोरम लग रही थी।
प्रदर्शनी के प्रतिभागी छात्रों ने अपने-अपने मार्गदर्शक शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
गाइड टीचर (मागदर्शक शिक्षक) श्री उज्जवल कुमार महतो, श्रीमती जया कृष्णमूर्ति, श्रीमती अर्चना पटनायक, श्रीमती राम दुलारी, श्री रवि शंकर, श्री बिनय कुमार, श्री अनुप कुमार गुप्ता, श्री सितेष कुमार झा, श्री सुनील मिश्रा, श्रीमती पिंकी कुमारी, श्रीमती श्रीजा, श्रीमती प्रतिभा, श्री मनोज मिश्रा, सुश्री रेणु, श्रीमती अपर्णा, श्री सजीव एस, सुश्री विजया भाषन, श्रीमती राजालक्ष्मी अपने-अपने छात्र समूहों के साथ बड़ी मुश्तैदी से छात्रों की सहायता एवं मागदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनी एवं आनंद भोज (फेट) की सफलता पर प्रभारी अध्यक्ष ने निदेषक, प्राचार्या एवं समस्त प्रभारीगण, षिक्षक, शिक्षकों, छात्रों एवं छात्र परिषद सदस्यों को धन्यवाद दिया।