Bokaro: अनुभव आधारित शिक्षा व ज्ञानार्जन की कड़ी में मंगलवार को डीपीएस बोकारो के 50 विद्यार्थियों के दल ने झारखंड विधानसभा का भ्रमण किया। ये विद्यार्थी विधानसभा के मानसूत्र सत्र का भी साक्षी बने। वे विधायिका की कार्यप्रणाली तथा नए विधानसभा परिसर की अनूठी खूबियों से अवगत हुए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो से भेंट की।
महतो ने बच्चों से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की और इस प्रकार का भ्रमण उनके बौद्धिक विकास में सहायक बताया। बच्चों से अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वह पहले एक शिक्षक थे। भ्रमण के दौरान विद्यार्थी विधानसभा के मुख्य सचेतक सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण तथा रांची के उपायुक्त एवं डीपीएस बोकारो के पूर्ववर्ती छात्र राहुल कुमार सिन्हा से भी मिले।
बच्चों ने वहां सदन के अंदर विधानसभा में अनुपूरक बजट पर हो रही चर्चा भी सुनी। उन्होंने जाना कि किस प्रकार विधानसभा सदस्यों की अनुपस्थिति में 21 विभिन्न समितियां काम करती हैं।
प्रकृति की मनोरम छटा के बीच 39.4 एकड़ में फैले देश के पहले और सबसे ऊंचे गुंबद वाले विधानसभा भवन की स्थापत्य-कला, झारखंडी संस्कृति की सतरंगी झलक बिखेरती इमारत तथा उन्नत तकनीकी सुविधाओं से रू-ब-रू होकर बच्चे काफी उत्साहित दिखे।
उन्हें विधानसभा के सभी क्षेत्रों का भ्रमण कराया गया। उन्होंने कमेटी लाउंज, सीएम कॉरिडोर, सेंट्रल लॉबी, सत्ता पक्ष लॉबी, विधानसभा कैंटीन, अर्थशास्त्र, राजनीति-शास्त्र, भूगोल-शास्त्र सहित कई विषयों की किताबों के संग्रह वाली लाइब्रेरी और नॉर्थ व साउथ पोर्टिको का दौरा किया।
उन्होंने पूरे विधानसभा का 3डी मॉडल भी देखा। जल-संचयन एवं सौर-ऊर्जा से होने वाली विद्युतापूर्ति के बारे में जानना भी उनके लिए रोचक रहा। वहां गए बच्चों ने कहा कि यह शैक्षणिक भ्रमण उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा। विधानसभा में सत्ता-पक्ष और विपक्ष के नेताओं के काम करने का तरीका प्रत्यक्ष रूप से देखना काफी मजेदार रहा। बच्चों के साथ उनके शिक्षक भी मौजूद थे।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने कहा कि क्लासरूम के भीतर किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को बाहर की दुनिया में छिपे ज्ञान से भी अवगत कराना इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य है। हमारी नई शिक्षा नीति 2020 भी अनुभव आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देती है और डीपीएस बोकारो अपने विद्यार्थियों को इस दिशा में हर अवसर देने को प्रतिबद्ध है।
एक्सपीरियंशियल लर्निंग के क्रम में हाल ही में विद्यार्थियों ने इसरो जाकर वहां चन्द्रयान- 3 के प्रक्षेपण का भी प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया था। आगे भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे।