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Bokaro: धनघरी में मकानों को ध्वस्त करने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पंहुचा, विस्थापितों की जगी आस


Bokaro: जिला प्रशासन और रेलवे द्वारा 24 सितम्बर को संयुक्त अभियान चलकर हरला थाना अंतर्गत ग्राम धनघरी में 16 घरों को ध्वस्त करने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंच चूका है। इस बाबत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से उक्त मामले में केस रजिस्टर करने और केस नंबर 1753 /34 की सुचना शिकायतकर्ता बोकारो विस्थापित रैयत संघ को दी गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज़ होने के बाद बीएसएल के विस्थापितों के बीच एक नई आस जागी है।

बताया जा रहा है कि बोकारो विस्थापित रैयत संघ ने 12 अक्टूबर को पत्र भेज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज़ कि थी। जिसपर 19 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की चेयरमैन ने संज्ञान लिया था। बोकारो विस्थापित रैयत संघ के शिकायतकर्ता भगवान साहू ने पत्र में लिखा था कि धनघरी में 16 मकानों को प्रसाशन और रेलवे ने ध्वस्त कर दिया। उसमे रहने वाले लोग बेघर हो गए। साहू ने उक्त मामले में इन्क्वायरी बैठने कि भी मांग की है। साथ ही बीएसएल द्वारा जमीन अधिघ्रहण कर उन लोगो को पुनर्वासित नहीं करने की बात भी बात लिखी थी।

बताया जा रहा है कि दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा रेलवे मंडल के अंतर्गत बोकारो-तुपकडीह तलगड़िया रेल लाइन के दोहरीकरण में धनघरी स्तिथ कुछ मकान बाधा उत्पन्न कर रहे थे। जिसको लेकर उन घरों के खिलाफ खाली करने का नोटिस कई बार जारी किया गया था। पर उन लोगो ने खाली नहीं किया। जिसके बाद 24 सितम्बर को प्रसहन और रेलवे ने जेसीबी से तड़के उन घरों को तोड़ दिया।

 


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