Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: प्रबंधन के खिलाफ बढ़ती जा रही है अजब सी चिड़चिड़ाहट, आज जूनियर ऑफिसरो (JO) ने कर डाला ‘सत्याग्रह’


Bokaro: किसी मुद्दे को नजरअंदाज, अनदेखा और टाल कर अपनी बेबसी की दुहाई देने वाला रवैया सेल (SAIL) के बोकारो इस्पात संयत्र (BSL) प्रबंधन को दिन पर दिन भारी पड़ता जा रहा है। कंपनी की इमेज पर तो बट्टा लग ही रहा है, साथ ही प्लांट में माहौल भो नकारात्मक होता जा रहा है। ठेका कर्मियों, कर्मचारियों, अधिकारियों में प्रबंधन को लेकर अजब सी चिड़चिड़ाहट भरती जा रही है।

अब अधिकारी भी शहर की सड़को में उतर कर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। रविवार को बीएसएल में कार्यरत कनिष्ठ अधिकारी (JO) 2008-10 ने गांधी चौक पर ‘सत्याग्रह’ कर डाला। बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (BSOA) के बैनर तले जूनियर ऑफिसरो ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के प्रबंधन के खिलाफ अपने वेतन विसंगति को ठीक करने की मांग के खिलाफ आंदोलन किया। प्रदर्शन में मौजूद सौ से ऊपर अधिकारियो ने प्रबंधन को जमकर कोसा और आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दे डाली।

बता दें, बीएसएल प्लांट में जूनियर ऑफिसर (JO) रैंक में करीब 250 अधिकारी हैं। 2008-10 बैच के जेओ के वेतन विसंगति को जल्द से जल्द समाधान करने की मांग पिछले कई वर्षो से हो रही है। सेल में JO 2008-10 बैच का मुद्दा कई सालों से लंबित है। BSOA ने बार-बार सेल प्रबंधन से इस मामले को सुलझाने की अपील की, लेकिन प्रबंधन ने आज तक मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

बीएसओए के अध्यक्ष एके सिंह ने कहा, “वेतन संशोधन को लेकर कई बार मौखिक और लिखित आश्वासन मिला, पर सेल और बीएसएल प्रबंधन इसे पूरा करने में विफल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) में दो प्रकार के वेज रिविज़न हैं। अधिकारियों के लिए एक वेज रिविज़न 10 साल के लिए है और 5-5 साल के अन्य वेज रिविज़न नॉन-एक्सिक्यूटिव के लिए हैं।

सिंह ने बताया कि सेल के JO 2008-10 बैच का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है। पिछले वर्ष सितंबर माह में इस मुद्दे पे रिपोर्ट बनाने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया था जिसको 15 दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करना था, पर इतने महीने बीत जाने के बाद भी ये मुद्दा वही का वही अटका हुआ है। बीएसएल के एक जूनियर अधिकारी अजय पांडेय ने कहा, ‘सेल के इतिहास में यह सबसे बड़ा अन्याय है”।

सेफी द्वारा सेल प्रबंधन से बार बार इस मामले का समाधान करने की अपील की गई पर आज तक सेल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता के साथ नही लिया। सेफी के द्वारा पहले भी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई थी पर प्रबंधन के अस्वाशन के बाद दो बार विरोध प्रदर्शन को टाला गया था। उसके बाद भी दिए गए समय के अंदर इस मुद्दे के समाधान के लिए किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि न देखते हुए सेफी ने फरवरी की विरोध के कार्यक्रम को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था।

विरोध प्रदर्शन के पहले दौर में 19 फरवरी को सेल के अधिकारियों ने किया CUG नंबर स्विच ऑफ किया था दूसरे दौर के विरोध प्रदर्शन में अधिकारियों ने 25 फरवरी को “वॉक फ़ॉर जस्टिस” अभियान में भाग लिया। तीसरे दौर में 01 मार्च को सेल के अधिकारियों ने ब्लैक बैज लगा कर अपना विरोध जताया।

उसके बाद सेफी की चुनाव को ले कर मामला थोड़ा ठंडा पर गया। चुनाव बाद सेफी की नई कमिटी आयी और वो भी प्रयास में लग गयी कि इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द किया जाय। पर प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के कारण मुद्दा अभी तक लटका हुआ है और JO 2008-10 बैच के लोगो मे भी काफी असंतोष बढ़ता जा रहा है। इन्ही सब कारणों से JO 2008-10 बैच के लोगो ने इस मुद्दे के समाधान के के अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पे बैठने का निर्णय लिया है।

BSOA के साथ साथ सभी अधिकारीगण इस मुहिम के समर्थन में है। मामले की गंभीरता के देखते हुए बीएसएल से हाल में ही सेवानिवृत्त हुए बसोआ के पूर्व अध्यक्ष पी के पांडेय भी मौके पे पहुच कर सत्याग्रह पे बैठे लोगों से मिलकर उनका समर्थन किया।


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!