Bokaro: शहर के नामी वेलमार्क हॉस्पिटल के क्लीनिकल पैथोलॉजी को NABL (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज) की मान्यता मिल गई है। इस तरह की मान्यता पाने वाला वेलमार्क अस्पताल ज़िले का पहला और झारखण्ड के कुछ चुनिंदा प्राइवेट संस्थानो में से एक बन गया है।
ऐसा होने के बाद अब वेलमार्क अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और हेमेऑटोलॉजी की जांच रिपोर्ट देश के किसी भी चिकित्सा संस्थान में मान्य होगी।
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बताया जा रहा है कि, वेलमार्क अस्पताल में क्लिनिकल इन्वेस्टीगेशन लैबोरेटरी मार्च 2021 से संचालित है। एनएबीएल की मान्यता के लिए दिल्ली, कोलकता और रांची की अलग-अलग टीम ने 2023 के नवंबर में वेलमार्क अस्पताल के क्लीनिकल लेबोरेटरी का दौरा किया था। पैथालॉजी में जांच की सुविधाओं का मूल्यांकन किया था। मरीजों के खून, यूरीन संबंधी जांच के उपकरणों को भी टीम ने देखा था।
लैब के जाँच प्रक्रिया से संतुष्ट हो क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (Quality Council of India) की ओर से वेलमार्क अस्पताल के क्लीनिकल लेबोरेटरी को एनएबीएल एक्रिडिटेशन प्राप्त हो गया है।
ये है एनएबीएल
वेलमार्क अस्पताल के चेयरमैन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सतीश कुमार ने बताया कि नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (NABL) क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का हिस्सा है। इसका उद्देश्य देश के क्लिनिकल लैबोरेट्रीज को टेस्टिंग और कैलिब्रेशन के लिए एक्रिडिटेशन प्रदान करना है। यह सरकार द्वारा अधिकृत एकमात्र मान्यता निकाय है, जो कि देश की लैब की गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता का तीसरे पक्ष से मूल्यांकन कराता है। इस मान्यता को प्राप्त करने के लिए आकलन के कई राउंड को पास करना होता है।
वेलमार्क अस्पताल के डायरेक्टर सुरेश कुमार और विवेक जयसवाल ने लैब को एनएबीएल की मान्यता मिलने को बड़ी उपलब्धि बताया है। Video:
सुरेश कुमार ने कहा कि “अब यहां की जांच रिपोर्ट देश में सभी संस्थानों में मान्य होगी। इसका सबसे बड़ा लाभ मरीजों को होगा। यह मान्यता (Accreditation)- सटीक, भरोसेमंद और उच्च गुणवत्ता वाले – परीक्षण परिणाम देने के वेलमार्क की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।जिसमें नमूना संग्रह से लेकर प्रयोगशाला प्रसंस्करण और ग्राहक रिपोर्टिंग तक हर चरण में कठोर गुणवत्ता जांच शामिल है।”