Bokaro: बाल श्रम विमुक्त अभियान चलाकर 03 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। साथ ही प्रतिष्ठानों में न्यूनतम मजदूरी भुगतान नहीं करने पर नोटिस देने का निर्देश दिया गया।
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी श्री बसंत महतो,सीडब्लूसी के शंकर रवानी एवं उनके टीम,डीसीपीओ बोकारो अनीता झा, चाइल्ड लाइन की टीम एवं पुलिस की टीम श्रम कार्यालय के सहायक श्री नितिन वर्मा,संतोष कुमार सिंह एवं अन्य दो कर्मचारियों के साथ शुक्रवार दोपहर बाल श्रम विमुक्त हेतु दुग्धा में अभियान चलाया गया। जिसमें तीन बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। नियोजक अजय सिंह के होटल माँ तारा होटल में 02 बाल श्रमिक को और 01 बाल श्रमिक को राजधानी होटल नियोजक मनीष सिंह के यहाँ से विमुक्त कराया गया ।
श्रम विभाग बोकारो के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि संबंधित थाना में एफआइआर संबंधित नियोजक के विरूद्ध कराया जायेगा, साथ ही 20 हज़ार प्रत्येक बाल श्रमिक संबोधित नियोजक से वसूला जाएगा।
उल्लेखनीय हो कि, बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 के अन्तर्गत 2 साल तक सजा एवं 20 से 50 हज़ार तक जुर्माना का प्रावधान है। इस दौरान टीम ने बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियम) अधिनियम 1986 तथा अन्य अधिनियमों का इन होटलों/ढ़ाबों/रेस्टोरेंट में अनुपालन हो रहा है या नहीं इसका भी जायजा लिया।
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में कोई भी बाल श्रमिक नियोजित नहीं पाया गया। कुछ प्रतिष्ठानों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अन्तर्गत उल्लंघन पाया गया। इसके निराकरण के लिए उन्होंने संबंधित संचालकों को नियमानुसार नोटिस निर्गत करने का निदेश दिया। साथ ही सेक्शन “12 ए” के तहत सभी प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिक नियोजित नहीं करने से संबंधित पोस्टर (इश्तेहार) चस्पा किया गया।
जानकारी हो कि,श्रम सचिव श्री राजेश कुमार शर्मा,श्रमायुक्त श्री संजीव बेसरा एवं उपायुक्त बोकारो श्री कुलदीप चौधरी ने बाल श्रम को जड़ से हटाने के लिए होटल/ढाबों/रेस्टोरेंट/गैराज/परचून की दुकान ठेला आदि पर झारखंड के सभी ज़िला के श्रम विभाग को सप्ताह में औचक निरीक्षरण करने हेतु निदेश दिया है। जिसका मॉनिटरिंग जिला एवं राज्य स्तर से किया जा रहा है।