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बोकारो में तीन दिवसीय ‘अमृत युवा कलोत्सव 2023-24’ आरंभ


Report | S.P Ranjan

Bokaro: संगीत, नृत्य व नाटक का उत्सव ‘अमृत युवा कलोत्सव 2023-24’ का विधिवत् उद्घाटन बुधवार की शाम सेक्टर 2 कला केन्द्र में किया गया। संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली, अकादेमी की इकाई छऊ केंद्र, चंदनकियारी, झारखंड व सेल, बोकारो स्टील प्लांट के संयुक्त तत्वावधान में बोकारो में 28 से 30 जून तक ‘अमृत युवा कलोत्सव’ आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम का उद्धघाटन संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा, बोकारो स्टील प्लांट के अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) राजन प्रसाद सहित अन्य अतिथि कलाकारों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

अपने संबोधन में डॉ संध्या पुरेचा ने संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजन के उदेश्यों पर प्रकाश डाला और संगीत, नृत्य व नाटक कला विधाओं के विकास में संगीत नाटक अकादेमी के कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए संगीत नाटक अकादेमी द्वारा देशभर में अमृत युवा कलोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में झारखंड के बोकारो में यह आयोजन हो रहा है जिसमें झारखंड के 7 युवा कला दलों के साथ ही 7 विभिन्न राज्यों के कलाकार संगीत, नृत्य, नाटक आदि विधा में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। युवा कलाकारों को मंच प्रदान कर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस उत्सव का आयोजन किया गया है।

बीएसएल के ईडी राजन प्रसाद ने इस आयोजन को बोकारो में आयोजित करने के लिए संगीत नाटक अकादमी के प्रति आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि आगे भी इस कला यात्रा को आगे बढाने में बीएसएल सहयोग करेगा। उद्घाटन सत्र का समापन संगीत नाटक अकादमी एडवाइजरी कमिटी के सदस्य संजय कुमार चौधरी (बोकारो) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

उद्घाटन सत्र के पश्चात् पश्चिम बंगाल से आये सिद्धार्थ बोस एवं अभिषेक गुप्ता ने क्रमशः सरोद व सितार की युगलबंदी की प्रस्तुति दी, जिसमें उनके साथ तबले पर अर्कदीप दास ने संगति की। इसके बाद मानभूम शिव शक्ति छऊ एवं पाइका कला केंद्र, झारखंड के कलाकारों ने पइका नृत्य, सेनाबाना फुलचंद छऊ नृत्य समिति, पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने पुरुलिया छऊ नृत्य, भारतम् अकेडमी आफ फाइन आर्ट्स, तमिलनाडु के कलाकारों ने भरतनाट्यम नृत्य व कर्मवीर जन शिक्षण एवं संस्कृति समिति, मध्यप्रदेश के कलाकारों ने कर्मवीर सिंह राजपूत के निर्देशन में हिंदी नाटक ‘इन्कलाब का सैलाब-भगत’ का सशक्त मंचन कर दर्शकों की वाहवाही ली।

मंच संचालन रांची से आयीं डा राजश्री जयंती ने किया। इस अवसर पर आयोजन के मीडिया समन्वयक अरुण पाठक, संगीतज्ञ डा राकेश रंजन, प्रो पी एल वर्णवाल, सुनील कुमार, मृत्युंजय भट्टाचार्य सहित काफी संख्या में कलाप्रेमी दर्शक उपस्थित थे। उद्घाटन के पूर्व सेक्टर वन राममंदिर गोलंबर से आयोजन स्थल सेक्टर 2 कला केन्द्र तक कला यात्रा निकाली गई जिसमें संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष सहित लगभग 300 कलाकार शामिल हुए।

नाट्य लेखन पूरे नाटक का शरीर: डॉ संध्या पुरेचा 

इसके पूर्व बुधवार को दिन में बोकारो संगीत कला अकादमी परिसर में कला सृजन-नाट्य लेखन कार्यशाला की शुरुआत हुई। इस नाटय लेखन कार्यशाला में लगभग 60 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। कार्यशाला की शुरुआत संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा ने की। उन्होंने कहा कि नाट्य लेखन पूरे नाटक का शरीर है। अगर शरीर ठीक रहेगा तो आत्मा और बाकी चीजें नाटक को सशक्त बना सकती हैं।

उन्होंने भरतमुनि के नाट्य शास्त्र का उद्धरण देते हुए आशा व्यक्त की कि प्रभिभागियों को इस कार्यशाला का भरपूर लाभ मिलेगा। इस अवसर पर प्रसिद्ध धुपद गायक व छऊ एडवाइजरी कमिटी के चेयरमैन सह संगीत नाटक अकादमी एग्जक्यूटिव कमिटी के सदस्य उमाकांत गुंदेचा (भोपाल), संगीत नाटक अकादमी एडवाइजरी कमिटी के सदस्य संजय कुमार चौधरी (बोकारो), बोकारो संगीत कला अकादमी के प्रशासक अरुण सिन्हा, अभिराम भडकमकर (मुंबई), पुुंज प्रकाश (पटना), आशीष पाठक (जबलपुर) आदि उपस्थित थे।

बोकारो महिला कॉलेज में कला समीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 150 प्रतिभागियों की उपस्थिति रही। इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा ने कहा कि लोगों में कलाओं की समझ विकसित करने में कला समीक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

वरिष्ठ कला समीक्षक राकेश रमन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में महुआ मुखर्जी, सुबोध पटनायक, नंदलाल नायक व शांतनु दास ने कला समीक्षा के विविध आयामों पर प्रकाश डाला।


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