Bokaro: विश्व मधमेह दिवस के अवसर बोकारो जनरल हॉस्पिटल के नेत्र विभाग में एक मधुमेह रेटिनोपैथी शिविर का आयोजन किया गया , शिविर का उद्घाटन बोकारो जनरल हॉस्पिटल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बी बी करुणामय के द्वारा किया गया.
बोकारो जनरल हॉस्पिटल के नेत्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सोफ़िया अहमद ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी तब शुरू होता है जब रेटिना में रक्त वाहिकाएं बदलती हैं और आंख के पीछे तंत्रिका ऊतक की प्रकाश-संवेदनशील परतें ऑप्टिक तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक विद्युत संकेत भेजती हैं. कुछ मामलों में, रक्त वाहिकाएं सूज सकती हैं और तरल पदार्थ का रिसाव हो सकता है.
रेटिना की सतह पर असामान्य नई रक्त वाहिकाएँ विकसित हो जाती हैं. यह परिवर्तन गंभीर हैं, और शुरुआती चरणों में, आपको पता भी नहीं चलेगा कि ये हो रहे हैं। शिविर में 75 लोगों की रेटिना की जाँच की गई जिनमे से 20 लोगों में रेटिनोपैथी परिवर्तन पाया गया. शिविर में बोकारो जनरल हॉस्पिटल के नेत्र विभाग की डॉ दीप्ती, डॉ अनुपम, डॉ सुशील और डी एन बी के छात्र भी शामिल थे.
शिविर में उपस्थित सभी लोगों को प्रासंगिक उपचार की सलाह दी गयी तथा बताया गया कि आँखों में पूरी रोशनी में भी रेटिनोपैथी हो सकता है, इसलिए रेटिना का जाँच प्रत्येक वर्ष करवाना चाहिए.