Bokaro: लैंड अलॉटमेंट के छह साल बाद सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने फिर से बोकारो में परियोजना शुरू करने की पहल की है. राज्य सरकार ने संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी।
राज्य सरकार ने एसटीपीआई परियोजना की स्थापना में फिर से रुचि दिखाई है। बताया जा रहा है कि एसटीपीआई स्थापित करने की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार द्वारा एक पत्र क्षेत्रीय निदेशक, जिआडा, कीर्तिश्री को भेजा गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि, एसटीपीआई डीपीआर पूरा होने के बाद बालीडीह में अपनी सुविधा स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य शुरू करेगा। बता दें कि झारखंड में पांच एसटीपीआई परियोजनाएं हैं। एसटीपीआई रांची, धनबाद और देवघर चालू हैं। जमशेदपुर परियोजना पूरी हो चुकी है और बोकारो में स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।
बताया जा रहा है कि अतिरिक्त निदेशक, एसटीपीआई, सिद्धार्थ कुमार राय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव संजय बिहारी समिति के सदस्य हैं। एसटीपीआई को औद्योगिक क्षेत्र बालीडीह में 1.45 एकड़ जमीन एलॉटेड है। 2017 में जियाडा के साथ भूमि हस्तांतरण संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। एसटीपीआई के निर्माण में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसमें 55,000 वर्ग फुट का निर्माण होगा।
अधिकारी के अनुसार, कई बहुराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियां एसटीपीआई, बोकारो में अपनी इकाई स्थापित करने की इच्छुक है।मोटे तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
कई सॉफ्टवेयर, बीपीओ और कॉल सेंटर कंपनियां भी हैं जो झारखंड के बोकारो को एक निवेशक-अनुकूल गंतव्य के रूप में देख रही हैं।
बोकारो में जमीन पाने के लिए एसटीपीआई ने काफी संघर्ष किया है। एसटीपीआई ने बोकारो में जो 13 से जमीन तलाशना शुरू किया था। जियाडा द्वारा एसटीपीआई को आवंटित किया गया प्लॉट राष्ट्रीय राजमार्ग-23 (रांची-बोकारो) पर प्राइम लोकेशन पर है।
भुला दिए गए इस प्रोजेक्ट को झामुमो नेता मंटू यादव ने शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की मदद से ना सिर्फ राज्य सरकार को याद दिलाया है बल्कि काम भी शुरू कराया है। मंटू यादव ने कहा कि एसटीपीआई के आने से यहां रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। जो भी करना पड़े बोकारो में यह प्रोजेक्ट आकर रहेगा। और जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो इसका शिलान्यास करेंगे।