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Afghanistan से रांची पहुंचे बबलू ने कहा तालिबानियों ने ही कराई काबुल एयरपोर्ट में एंट्री, नहीं तो घुस नहीं पाते


Bokaro: अफगानिस्तान में फंसे बोकारो निवासी बबलू कुमार (37) आज सुरक्षित झारखण्ड पहुँच गए। रविवार को अफगानिस्तान से भारत लाये गए 160 भारतीयों में बबलू भी एक थे। रांची एयरपोर्ट में उतरने के साथ ही वह भावनात्मक होकर रो पड़े। उन्होंने भारत और झारखण्ड सरकार से साथ-साथ प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और वहां की भयावह स्तिथि के बारे में बताया।

बबलू ने बताया कि वहां की स्तिथि काफी ख़राब है। एयरपोर्ट पर करीब 25,000 लोग जमा है। हालांकि वहां हो रही गोला-बारी और तालिबानियों से वह डरे हुए थे, पर उन्होंने बताया की एयरपोर्ट से अंदर वह तालिबानियों की मदद से जा पाए। तालिबानी भारतीयों के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं कर रहे है। पर तब भी वहां रहने पर डर लगा हुआ था, क्युकी कहा और किधर से गोली आकर लग जाये किसी को नहीं पता।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका वापस अपने देश पहुँचना दूसरे जन्म जैसा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में अफ़ग़ानिस्तान से भारत के रिश्ते सही रहे तो फिर वह वहां जाकर काम करने की सोच सकते है।

बता दें , की दो दिन पहले झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से अफगानिस्तान में फंसे बबलू को वापस लाने की गुजारिश की है। बबलू, बोकारो ज़िले के बेरमो स्थित गांधीनगर के रहने वाले हैं, जो तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल में फंस गए थे।

बेरमो के स्थानीय कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल और बबलू के परिवार के सदस्यों ने सीएम से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए संभावित सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था। बोकारो के उपायुक्त (डीसी) कुलदीप चौधरी ने भी राज्य के गृह विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी जिसमें बताया गया था कि बबलू अफगानिस्तान में फंस गए हैं।

बबलू ने बताया कि वह काबुल स्थित अफगान राणा नामक बैटरी निर्माण कंपनी में एक ऑपरेटर के रूप में काम करते थे। अक्टूबर 2018 में, वह काबुल गया था। तब से वह वहीं काम कर रहा है। हालांकि वह अपने परिवार को देखने के लिए साल में दो या तीन बार घर आता था। उसके परिवार में तीन भाई, उसकी पत्नी लाखो देवी और उसके 10 और 7 साल के दो बेटे शामिल हैं।

25 अप्रैल को अपने परिवार से मिलने के बाद, बबलू 2 जून को अफगानिस्तान गए थे। स्थिति को देखते हुए, उनकी कंपनी ने उनसे अपने देश लौटने का कहा था, इसलिए उन्होंने 16 अप्रैल के लिए Air India में टिकट कराया था। वह हवाई अड्डे पर पंहुचा था पर, वहां का मंजर- भगदड़ और फायरिंग – देख तुरंत वापस लौट गया।


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