Bokaro: Zoonotic बीमारी – Monkeypox के बचाव रोकथाम , नियंत्रण , जाँच तथा इलाज हेतु सतत् निगरानी करने के संबंध में राज्य सरकार ने अन्य ज़िलों समेत बोकारो के सिविल सर्जन को एडवाइजरी जारी की हैं। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वह जिला सर्विलांस यूनिट के माध्यम से जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संवेदनशील बनाने और आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई करने की सलाह का प्रचार-प्रसार करें।
बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है तथा मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह बीमारी मनुष्यों में जानवरों से फैला है। मंकीपॉक्स एक विषाणु ( DNA वायरस ) से फैलने वाला रोग है, जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 74 देशों में फैल चुका है। एवं मई , 2022 के बाद से अबतक दुनियाभर में 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
इसी क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिनांक 23.07.2022 को मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (Public Health Emergency of International Concern – PHEIC) घोषित कर दिया गया है। भारत के कुछ हिस्सों – केरल से 3, तेलेगांना से 1 तथा दिल्ली से 2 मरीजों में मंकीपॉक्स की से पुष्टि की जा चुकी है।
झारखण्ड राज्य में अभी तक मंकीपॉक्स का मामला एक भी मामला नहीं आया है, परन्तु उक्त रोग के प्रति विशेष सर्तकता एवं जन सामान्य को इस रोग के प्रति जागरूक करना आवश्यक है ताकि इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है जिसके लक्षण चेचक जैसे दिखते हैं। बुखार , सिरदर्द , मांसपेशी में दर्द , पीठ दर्द , थकान महसूस होना , लिफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते, जो तीन सप्ताह छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी फैल सकता है।