Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

Bokaro: कचरा उठाव प्रभावित होने से टाउनशिप का हाल बुरा, लोग परेशान


Bokaro: बोकारो स्टील टाउनशिप में पिछले तीन हफ्ते से कचरा उठाव बुरी तरह प्रभावित है। इस कारण पुरे शहर में गंदगी और धुआँ है। भरे हुए डस्टबिन में जानवर भोजन तलाशते नजर आ रहे है, तो कई जगह कचरे में आग लगाकर उसको निपटाया जा रहा है। आवासीय इलाका हो या बाजार, कचरे में लगाई गई आग से निकलता धुआँ, दिल्ली में पराली के धुंए की तरह, बोकारो टाउनशिप में भी जहर घोल रहा है। प्रदुषण फ़ैल रहा है।

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बीएसएल (BSL) प्रबंधन का पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट, जिसके जिम्मे कचरा उठाव और निपटान है, वह सिर्फ मूक दर्शक बना हुआ है। जबकि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसे स्थिति के प्रति उदासीन दिखाई दे रहा है।। लोग धुंए और गंदगी से परेशान है। कचरे से निकलता धुआँ बोकारो टाउनशिप की हवा की क्वालिटी ख़राब कर रहा है। कूड़ादान गंदगी से भरे होने का कारण लोग खुले में गंदगी फेंकने पर मजूबर हो रहे है। कई जगह बदबू भी आ रही है।

सिटी सेंटर के लोग परेशान
शहर के हृदयस्थली सेक्टर 4 के सिटी सेंटर में तो स्तिथि और भी भयावह है। गंदगी, धुआँ और बदबू तीनो से लोग परेशान है। इस इलाके का सारा कूड़ेदान भरा हुआ है। पिछले कई दिनों से कूड़ेदान खाली नहीं होने के कारण आसपास सड़न की बदबू आ रही है। लोगो को नाक बंद कर गुजरना पड़ रहा है। कई जगह कचरे को आग के हवाले किया गया है। जिसके धुंए से लोग असहज महसूस कर रहे है। डर यह भी है की सड़ा-गला खाकर कही जानवर बीमार न पड़ जाये।

शहर में 600 कूड़ेदान
बोकारो टाउनशिप में करीब 600 कूड़ेदान है। शहर का कचरा प्रबंधन को करीब 228 सफाई मित्र संभाल रहे है। शहर के सेक्टर 11 के पास सात एकड़ खुले डंपिंग ग्राउंड में हर दिन 36 हजार घरों और बाजारो से कचरा एकत्रित करके डंप किया जाता है। जो फिलहाल प्रभावित है। विभिन्न सेक्टरों में घरों से प्रतिदिन लगभग 85-90 टन कचरा एकत्र किया जाता है। इसके अलावा लगभग 2000 एकड़ भूमि में बसी अवैध झुग्गियां से भी भारी मात्रा में कचरा निकलता हैं।

नहीं है कार्ट और कॉम्पेक्टर
इतने व्यापक पैमाने में हर रोज निकल रहे कचरे का प्रबंधन, बीएसएल (BSL) का पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ठेका कंपनी से करवाता है। फिलहाल जो ठेका कंपनी को शहर के विभिन्न सेक्टरों से कचरा उठाव का काम मिला है। उसके पास डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वाला कार्ट (cart) नहीं है, जिससे लोगो को खुद पास के कूड़ेदान में कचरा फेंकने जाना पड़ रहा है। एहि नहीं, कंपनी के पास कूड़ेदान खाली करने वाला कम्पेक्टर भी नहीं है, जिसके चलते कचरा उठाव और डंपिंग भी प्रभावित है।

BSL के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धान –
बीएसएल प्रबंधन जेसीबी लगाकर कुछ जगह कूड़ेदानों से कचरा उठाव कर रहा है पर इतने बड़े टाउनशिप में वह नाकाफी है। बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धान ने कहा कि घर से कूड़ा उठाने के लिए हाथ से खींची जाने वाली गाड़ियां (Cart) आ गई हैं। अगले दो-तीन दिन में काम शुरू हो जायेगा। नवंबर 28 को कॉम्पेक्टर पहुंचेगा। इस बीच, कूड़ेदानों को साफ करने के लिए तीन जेसीबी, एक हाइड्रा और ट्रैक्टर तैनात किए गए हैं।

इधर, पूछने पर झारखण्ड प्रदूषण कण्ट्रोल बोर्ड के अधिकारी मामले में कुछ बोलने से बच रहे है।


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