Bokaro: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने गुरुवार को जिला खनन टास्क फोर्स समिति (डीएमटीएफ) की बैठक की। मौके पर पुलिस अधीक्षक चंदन झा, अपर समाहर्ता सादात अनवर, जिला खनन पदाधिकारी गोपाल दास,एसडीओ चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, एसडीओ बेरमो अनंत कुमार आदि उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि सभी अंचलाधिकारियों को लघु-बड़े खनीज के अवैध खनन, परिवहन आदि पर अंकुश लगाने को लेकर सक्षम पदाधिकारी प्राधिकृत कर दिया गया है। इसलिए इस तरह के मामलों पर किसी भी तरह की लापरवाही का कोई गुंजाइश नहीं है। आप सबों का दायित्व है कि अपने – अपने क्षेत्र में देखे कि कहां – क्या हो रहा है। अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी समन्वय बनाकर अपने क्षेत्र में अवैध खनन – परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाएं। इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह अधिकारियों को बख्सा नहीं जाएगा चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में कोई भी बालू घाट वैद्य नहीं है। सात दिनों के अंदर सभी बालू घाटों पर बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें जिस पर स्पष्ट उल्लेख हो कि यह वर्जित क्षेत्र है बालू खनन व परिवहन पर रोक है। संबंधित पंचायतों के मुखिया के पास उपलब्ध राशि की जानकारी लेते हुए चलान को जब्त कर जिला खनन कार्यालय में समर्पित करें।
उपायुक्त ने पत्थर खनन क्षेत्र, क्रशर मिलों का भी औचक निरीक्षण करते हुए लीज क्षेत्र की मापी व अन्य नियमों का जांच करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिला खनन टास्क फोर्स की अगली बैठक में यह समीक्षा होगी कि अंचल स्तरीय एवं अनुमंडल स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा कितनी छापेमारी, कार्रवाई की गई। इसकी विस्तृत समीक्षा की जाएगी। इससे पूर्व उपायुक्त ने पिछली बैठक एवं उसमें दिए गए निर्देशों के अनुपालन की जानकारी जिला खनन पदाधिकारी से प्राप्त की।
बैठक में उपस्थित जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि जिले के 36 बालू घाटों को चिन्हित किया गया है। जिसका संचालन झारखंड स्टेट मीनरल डेवल्पमेंट कारपोरेशन (जेएसएमडीसी) के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए कई अंचलाधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है, जबकि छह घाटों के लिए प्रतिवेदन अंचल से आना लंबित है। वहीं, बालू के भंडारण के लिए स्टाक यार्ड निर्माण के लिए भूमि चिन्हित कर प्रतिवेदन भी अंचल स्तर से लंबित है।
उपायुक्त ने संबंधित अंचलाधिकारियों को अविलंब प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा। इसके अलावा बीडीओ स्तर से ग्रामसभा कर जेएसएमडीसी के माध्यम से घाट संचालन को लेकर एनओसी समर्पित करने के कार्य को भी अविलंब पूरा करने को कहा। उन्होंने वन प्रमंडल को भी लंबित घाटों से संबंधित प्रतिवेदन विभाग को समर्पित करें।
समीक्षा क्रम में जिला खनन पदाधिकारी द्वारा बताया कि आद्रा रेल मंडल द्वारा जिला खनन कार्यालय को मासिक दिए जाने वाला प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हो रहा है। जबकि, धनबाद रेल मंडल द्वारा प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में उपस्थित धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों ने कहा कि मामला आद्रा मंडल से संबंधित है। इस पर उपायुक्त ने आद्रा रेल मंडल को पत्र लिखने का निर्देश दिया।
बैठक में जिला खनन पदाधिकारी द्वारा जिले के विभिन्न थानों में दर्ज एफआइआर पर कार्रवाई को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने वर्ष वार विभिन्न थानों में दर्ज एफआइआर की जानकारी कमेटी को दी। डीएमओ ने थानों से मामलों का उद्यतन प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने की बात कहीं। इस पर उपायुक्त ने सभी को पुनः पत्र भेज प्रतिवेदन प्रपत्र उपलब्ध कराने को कहा। दोनों एसडीओ एवं एसडीपीओ को इसकी मानीटरिंग करते हुए कार्यालय को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा।
बैठक में उपायुक्त ने कोयला कंपनियों के प्रतिनिधियों को लीज क्षेत्र व बंद पड़े खदान क्षेत्र की बैरिकेटिंग सुनिश्चित करने को कहा। कहा कि कंपनियों की भी जिम्मेवारी है कि उनके यहां से कोयले की चोरी व अवैध खनन नहीं हो। वह प्रशासन का इसमें सहयोग करें। उपायुक्त ने इंटर स्टेट व इंटर डिस्ट्रिक्ट बोर्डर पर चेक पोस्ट बनाने के लिए प्रस्ताव जिला को समर्पित करने को कहा। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की और जरूरी दिशा – निर्देश दिया।
बैठक में मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार, सीटी डीएसपी कुलदीप कुमार, चास एसडीपीओ पुरषोत्तम कुमार, बेरमो एसडीपीओ सतीश चंद्र झा, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी, सभी थानों के थाना प्रभारी/पुलिस निरीक्षक,सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, विभिन्न कोयला कंपनियों के स्थानीय महाप्रबंधक, धनबाद रेल मंडल के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।