Bokaro: भविष्य में स्टील उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बिजली की आवश्यकता को पूरा करना बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के लिए एक बड़ा चैलेंज है। इसको लेकर बीएसएल प्रबंधन ने ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है। बढ़ते प्रदुषण के खतरे को देखते हुए बीएसएल आने वाले कुछ सालो में 110 MW बिजली का उत्पादन सोलर के माध्यम से करने जा रहा है।
BSL ने मिलाया NSPCL से हाथ
बीएसएल ने सोलर पावर जेनेरशन प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी-सेल पावर प्लांट (NSPCL) के साथ हाथ मिलाया है। दोनों के बीच सहमति हो चुकी है। आधिकारिक तौर पर इन-प्रिंसिपल एग्रीमेंट भी हो चूका है। एनएसपीसीएल ने इसकी शुरुआत करते हुए बीएसएल के कूलिंग पोंड-1 में 30 MW फ्लोटिंग सोलर पावर जेनेरशन प्लांट लगाने के लिए बाथीमेट्रिक सर्वेक्षण कर लिया है।
बाथीमेट्रिक सर्वेक्षण, तालाब में पानी की गहराई को मापने या अध्ययन करने की प्रक्रिया है। सर्वेक्षण के आधार पर एनएसपीसीएल अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम कर रहा है।
पानी, जमीन और छतो पर बीएसएल लगाएगा सोलर पावर प्लांट
बताया जा रहा है बीएसएल आने वाले दिनों में अपने बड़े तालाब और डैम के अलावा खाली जमीन और सभी बड़े बिल्डिंगो पर सोलर पावर स्टेशन लगाने जा रहा है। जिसमे 100 MW के करीब बिजली का उत्पादन सोलर से होगा। सबसे पहले फेज में 30 MW का फ्लोटिंग सोलर पावर स्टेशन कूलिंग पोंड-1 में लगेगा। जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
उसके बाद सूर्य मंदिर के पीछे खाली पड़ी बीएसएल की जमीन पर 20 MW का लैंड बेस्ड सोलर पावर स्टेशन और फिर थर्ड फेज में गरगा डैम में 50 MW फ्लोटिंग सोलर पावर स्टेशन लगाया जायेगा। इन सोलर पावर प्लांट से उत्पादित पूरी की पूरी बिजली बीएसएल खरीदेगा। जिसको लेकर एनएसपीसीएल और बीएसएल के बीच पावर परचेस एग्रीमेंट जल्द होने की संभावना है।
BSL छतो पर लगाएगा सोलर पावर यूनिट
बीएसएल दूसरे कंपनी के साथ भी टाइअप करके 10 MW का सोलर पावर स्टेशन सभी बड़े बिल्डिंग में लगाने की प्लानिंग कर चूका है। प्लांट और टाउनशिप के सभी बड़ी बिल्डिंग को चिन्हित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जितने भी सोलर पैनल लगाए जायेंगे वह अत्याधुनिक होंगे। पुरे झारखण्ड में इतना हाईटेक सोलर पावर स्टेशन फिलहाल कही नहीं है।
वर्तमान में BSL को यहां से मिलती है बिजली
बता दें कि वर्तमान में बीएसएल अपने प्लांट में इस्पात उत्पादन और टाउनशिप के लिए दो माध्यमो से बिजली खरीदता है। एक तो 338 MW क्षमता के बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (BPSCL) से पावर लेने के आलावा 220 MW पावर का एग्रीमेंट बीएसएल का डीवीसी के साथ भी है। इन दोनों के आलवा 2 MW पावर वह खुद का इस्तेमाल करता है, जो प्लांट के ईडी बिल्डिंग, एडीएम, बोकारो निवास और बीजीएच के छतो पर लगे सोलर पावर प्लांट से उत्पादित होती है।
ब्राउनफ़ील्ड प्रोजेक्ट पर हो रहा काम
सेल (SAIL) अपनी उत्पादन छमता बढ़ाने को लेकर अग्रसर है। इसी क्रम में सेल अपनी इकाई बीएसएल में 2030 तक ब्राउनफ़ील्ड प्रोजेक्ट लगाकर करीब 2 MTPA स्टील उत्पादन बढ़ाने जा रहा है। जिसके लिए पर्याप्त बिजली की जरुरत है। इसके आलवा टाउनशिप को भी करीब 55 MW बिजली की जरुरत है। इधर सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट द्वारा लगातार नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है। नेट कार्बन को जीरो करने पर काम करने को कहा जा रहा है। ऐसे माहौल में बीएसएल ने सोलर पावर प्लांट को अपनी पहली पसंद बना ली है। संभावना यह भी है की भविष्य में बीएसएल प्रबंधन अपने टाउनशिप के जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर उस पर सोलर पावर यूनिट लगा दे।
BSL के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धानबीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान ने सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए बीएसएल और एनएसपीसीएल के बीच हुई सहमति की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एनएसपीसीएल डीपीआर रिपोर्ट सौपेगा जिसके बाद कूलिंग पोंड-1 में 30 MW का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लग्न शुरू हो जायेगा। उसके बाद सूर्य मंदिर और गरगा डैम में भी सोलर पावर यूनिट लगाए जायेंगे। इस परियोजना का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से कई हजार मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।