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एक झटके में बदल गई ज़िन्दगी, छुप-छुपा के हड़िया-दारू बेचने वाले हाथ आज परोस रहे स्वादिष्ट व्यंजन


Bokaro: जिला मुख्यालय से 20 किमी स्थित पेटरवार प्रखंड के उत्तासारा पंचायत के बंगा गांव की रहने वाली 32 वर्षीय अंजू देवी अपने गांव में सम्मान पूर्वक जी रही है। बच्चों व रिश्तेदारों से अब उसे छिपकर काम करने की जरूरत नहीं है। अपनी मेहनत से वह घर – गृहस्थी की गाड़ी का बेहतर संचालन कर रही है। इसका अंदाजा उसके चेहरे की मुस्कुराहट देख कर ही लगाया जा सकता है कि अब सब कुछ ठीक है। लेकिन, कुछ दिन पूर्व तक ऐसी स्थिति नहीं थी।

अंजू अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए गांव में ही हड़िया – दारू बनाकर बेचती थी। कभी – कभी उसे अपने इस काम को अपने बच्चों व रिश्तेदारों से छिपकर भी करना पड़ता था। लेकिन, सरकारी योजनाओं की मदद ने उसके दिन चर्या को ही बदल कर रख दिया। जीवन में आएं इस बदलाव को लेकर वह राज्य सरकार व जिला प्रशासन की प्रशंसा करने से नहीं थकती है।

अंजू देवी गांव के ही भारती महिला संघ सखी मंडल की सदस्य है। उसका पति कभी – कभार छोटा – मोटा काम/मजदूरी करता था। रोज काम नहीं मिलने के कारण परिवार चलाने के लिए आमदनी पर्याप्त नहीं होती थी। घर चलाने के लिए अंजू देवी ने हड़िया – दारु बनाने का काम शुरू कर दिया। रात में वह हड़िया – दारू बनाती एवं सुबह उसे बेचती। यह उसके दिनचर्या में शामिल हो गया था। अंजू ने इसे अपना भाग्य समझ लिया था।

लेकिन, जब उसने राज्य सरकार द्वारा फूलो झानो आशीर्वाद योजना के संबंध में सुना तो उसमें कुछ करने की उम्मीद जगी। योजना अंतर्गत नया काम करने का अवसर जब मिला, तो अंजू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सबसे पहले उसने दारू बनाने का काम छोड़ दिया। उसके बाद सखी मंडल से ₹10 हजार का ऋण लेकर नाश्ते का दुकान की शुरुआत की। कल तक जिन हाथों में हड़िया – दारू थे उन हाथों में आज तराजू हैं। समय के साथ उसके दुकान में ग्राहकों की संख्या बढ़ती गई। यह देख अंजू ने दोबारा समूह से 20 हजार क्रेडिट लिंकेज लेकर नाश्ते दुकान के साथ किराना (राशन) दुकान भी खोल ला। अंजू बताती हैं कि जहां पहले हड़िया – दारू बनाने के काम में प्रतिदिन 150 से 200 रुपए की आमदनी होती थी। वहीं, अब दुकान संचालन से प्रतिदिन 400 से 500 रुपए की आमदनी हो जाती है। अपने काम के परिवर्तन से जहां अंजू के घर का माहौल बेहतर हुआ है। वहीं जीवन – यापन का स्तर भी बेहतर हुआ है। स्थानीय ग्रामीण भी अंजू के हौंसले को सराह रहे हैं।

क्या है फूलो झानो आशीर्वाद योजना

झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने 29 सितंबर 2020 को फूलो झानो आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य हड़िया – दारू निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को चिह्नित कर सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जोड़ना था। राज्य की लगभग 20 हजार से अधिक हड़िया – दारू के निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इन महिलाओं की काउंसलिंग कर मुख्यधारा की आजीविका से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। चिह्नित महिलाओं को इच्छानुसार वैकल्पिक स्वरोजगार एवं आजीविका से जोड़ा जा रहा है।


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