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Russia-Ukraine War: जान हथेली पर ले, छह घंटे यात्रा कर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे बोकारो के बच्चे, एंट्री बंद


यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए वहां से सकुशल अपने देश पहुंचना खुद अपने आप में जंग जीतने जैसा है। वहां पढ़ने गए बच्चों के लिए यह समय एक बुरा सपना है। धमाकों की आवाज़, सुनसान सड़क, कर्फ्यू, साईरन, बंकर में छुपना और हाड़ कपाने वाली ठंड। कुल मिलाकर स्तिथि पूरी विपरीत है। बीतते समय के साथ उनकी स्तिथि बतर होती जा रही रही है। जो हॉस्टल या घरों में है उनके लिए खाने-पीने का सामान ख़त्म हो रहे है। कई बंकर में अधिकतर समय बिता रहे है। जो हिम्मत करके पड़ोसी देशों जैसे रोमानिया, पोलैंड, हंगरी आदि बॉर्डर पर पहुंच गए है उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। वह लोग खुले आसमान के नीचे मैदानों में कई घंटो से पड़े है।

इन्हीं साहसी लोगो में, बोकारो के चार लड़के भी है जिन्होंने जान हथेली में लेकर यूक्रेन के विनीतसिया शहर से 350 किलोमीटर की यात्रा बस से की और रोमानिया बॉर्डर पहुंच गए। छह घंटे की यात्रा में पुरे रास्ते डर से उनके रोयें खड़े थे।हालांकि वह सकुशल बॉर्डर पहुंच गए, पर फिर भी उनकी जद्दोजहत जारी है। वह बेबस है। उन्हें रोमानिया में एंट्री नहीं मिल रही है। वे सभी विनीतसिया मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र है। इनमे अंकित बोकारो के बाड़ी कोआपरेटिव के राजेंद्र नगर इलाके के निवासी है। दूसरा सेक्टर 6 के अमित कुमार, तीसरे राहुल और चौथे पंकज कुमार महतो है। Journey begins Ukraine to Bokaro – Video

एमबीबीएस के पहले सत्र के अंकित सिर्फ तीन महीने पहले झारखण्ड के बोकारो से यूक्रेन पढ़ने गए है। 22 वर्षीय अंकित के लिए वह देश बिलकुल नया है। न उनको वहां की भाषा समझ आती है और न ही उन्हें रास्तों की जानकारी है। पर वह हिम्मत रखे हुए है। अमित फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट है जबकि पंकज और राहुल चौथे ईयर में है। चारो शनिवार के रात रोमानिया बॉर्डर  पहुंचे है। पर उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। इसलिए दूसरे भारतीयों की तरह वह भी खुले मैदान में समय बिता रहे है।

अंकित ने फ़ोन पर बताया कि “बॉर्डर पर बहुत भीड़ है। रोमानियन गार्ड्स गेट बंद किये हुए है। कल रात भीड़ को कण्ट्रोल करने के लिए हवाई फायरिंग भी किये थे। वह लोग भी सहमे हुए उसकी भीड़ के कोने में इंतज़ार कर रहे है। एक-दो घंटे में 3-4 सेकंड के लिए रोमानियन गार्ड गेट खोलते उसमे कुछ ही जुझारू लोग उधर जा पाते है। बाकी हम सब फंसे हुए ह। अब कब तक ऐसे इस ठंड में खुले आसमान के नीचे रात-दिन रहना पड़ेगा पता नहीं। भारत सरकार हमारी मदद करें। हमें एंट्री दिलवाये। “

मनमीत अभी तक कीव में ही फंसे है। उन्होंने फ़ोन पर बताया कि“कीव में जबरदस्त कर्फ्यू है। हर दिन, मैं खुद एम्बैसी को मुझे निकालने ले लिए फ़ोन कर रहा हूँ। पर उनकी अपनी हालत ख़राब है। जिन लोगो तक मेरी बात पहुंच रही है वह बस इतना करवा दें की जो बेचारे जान पर खेल कर बॉर्डर पहुँच रहे है, उन फंसे लोगो को निकाले। भारत सरकार कम से कम उन्हें बॉर्डर पास करवा दे”

बोकारो के कई बच्चे फंसे है यूक्रेन में
बताया जा रहा है कि बोकारो के करीब 8 लड़के-लड़कियों के यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे होने की सुचना है। बोकारो प्रसाशन और विधायक बिरंचि नारायण मदद करने की हर संभव कोशिश कर रहे है। बोकारो के कुछ लड़को ने वीडियो भेज भारत सरकार से मदद मांगी है। भारतीय दूतावास ने उन्हें अभी जहां है वही सुरक्षित रहने की सलाह दी है। पर छात्र घबराये हुए है, क्युकी धमाकों की आवाज़ और साईरन बजते ही उन्हें अंडरग्राउंड बंकरो में भागकर छुपना पड़ रहा। ठंड भी काफी है। बाहर दुकाने बंद है। उनके पास खाने-पिने के सामान सिमित है। Ukraine से बोकारो के बच्चों द्वारा भेजे गए Video देखें:

बोकारो के यह स्टूडेंट्स है यूक्रेन में फंसे
बोकारो के बारी को – ऑपरेटिव के अंकित कुमार, सेक्टर 4 निवासी आरूघाय पांडा, बोकारो धर्मल के गोविंदपुर निवासी साक्षी सिंह, अंशिका श्रीवास्तव, चंद्रपुरा निमिया मोड़ के रविकांत वर्मा, जनामोड़ के मनमीत कुमार, तेलो निवासी पंकज कुमार महतो, सेक्टर 6 के अमित कुमार और राहुल यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इसमें अधिकतर मेडिकल के स्टूडेंट्स हैं। इनमें मनमीत यूक्रेन के सबसे अधिक प्रभावित शहर कीव में फंसे हुए है। आरूघाय पांडा यूक्रेन के उज़्ज़ोर्ड में है जो पश्चिम में है और अभी तक सेफ है।

यूक्रेन से झारखंड वापस लौटने वालों के टिकट का पैसा REIMBURSE करेगी हेमंत सरकार: CM, Jharkhand
सीएम हेमंत सोरेन ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा है कि लगातार बने नए गतिरोध के बीच अपने निजी खर्च से झारखण्ड वापस आने वाले राज्यवासियों के टिकट की राशि झारखण्ड सरकार Reimburse करेगी. ट्वीटर पर जानकारी देते हुए सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर सभी राज्यवासियों को हर संभव मदद पहुंचाने का काम कर रही है.

सरकार ने जारी किया है हेल्पलाइन नंबर
गौरतलब है कि यूक्रेन में फंसे झारखंडियों के लिये राज्य सरकार ने 25 फरवरी को कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये. यूक्रेन में पढ़ने या रोजगार के लिए गए झारखंडवासियों अथवा उनके परिवारजनों से अपील करते हुए कहा गया है कि वे कृपया झारखण्ड कंट्रोल रूम के फोन नंबरों पर संपर्क कर जानकारी दें. राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के साथ मिलकर सभी को हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी.

बताया जा रहा है कि लगभग 20,000 भारतीय, मुख्य रूप से छात्र, वर्तमान में यूक्रेन में फंसे हुए हैं:

>यूक्रेन की राजधानी कीव और रोमानियाई सीमा चौकी के बीच की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में साढ़े आठ से 11 घंटे लगते हैं।
>विनीतसिया से रोमानियाई सीमा जांच बिंदु से लगभग 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से दूरी को कवर करने में कहीं भी साढ़े छह घंटे लगते हैं।
>कीव और हंगेरियन सीमा चौकी के बीच की दूरी लगभग 820 किलोमीटर है और इसे सड़क मार्ग से तय करने में 12-13 घंटे लगते हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गोयल ने बताया कि रूसियों ने भी सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने में सहायता करने का वादा किया है-

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यूक्रेन से स्वदेश पहुँचे यात्रियों से कहा कि वे अभी भी यूक्रेन में अपने मित्रों से बात करें और उन्हें किसी प्रकार की चिंता न करने के लिए आश्वस्त करें। उन्होंने कहा कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया है। गोयल ने बताया कि रूसियों ने भी सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने में सहायता करने का वादा किया है।

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गोयल ने यूक्रेन से स्वदेश लौटे भारतीयों के पहले जत्थे का स्वागत किया। इन भारतीयों को लेकर एयर इंडिया की पहली निकासी उड़ान एआईसी 1944 आज शाम 7.50 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी। इस विमान ने आज दोपहर रोमानिया के बुखारेस्ट के हेनरी कोंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। विमान में 219 यात्रियों को स्वदेश लाया गया है, जिनमें ज्यादातर भारतीय छात्र हैं। पीयूष गोयल ने कहा, “मुंबई हवाई अड्डे पर यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए भारतीयों के चेहरों पर मुस्कान देखकर खुशी हुई।”

गोयल ने कहा कि भारतीयों को सुरक्षित  निकालने के लिए और उड़ानें संचालित की जा रही हैं और दूसरी उड़ान के रविवार प्रातःकाल में दिल्ली में उतरने की संभावना है। मंत्री महोदय ने राष्ट्रीय उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताने के लिए एयर इंडिया को हदय से धन्यवाद दिया, उनके साथ ही स्वदेश पहुँचे सभी यात्रियों ने भी तालियां बजाकर अपना आभार जताया।

 

 


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