Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

BSL के 42 स्कूलों में 33 बंद, पर जैसे ही प्रबंधन ने इस स्कूल में डाला हाथ, दुखी होकर बच्चे पहुंचे TA डिपार्टमेंट


Bokaro: बोकारो टाउनशिप में बीएसएल द्वारा संचालित स्कूल धीरे-धीरे बंद हो रहे है। पिछले एक दशक में टाउनशिप के हर सेक्टर में स्कूल बंद हुए। इसी क्रम में बीएसएल द्वारा बोकारो इस्पात विद्यालय, सेक्टर-11/डी की भी बंद करने की बात चली, पर वहां पढ़ने वाले बच्चो ने इसका बढ़-चढ़कर विरोध किया। मंगलवार को सौ के ऊपर संख्या में स्कूली छात्रों ने हो रहे उनके स्कूल के विलय के विरोध में बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के टाउन एंड एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के सामने प्रदर्शन किया। बीएसएल शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

बच्चे काफी नाराज थे। उनके स्कूल का विलय बीएसएल के सेक्टर-8/बी स्तिथ स्कूल से हो रहा है। छात्रों में विशेषकर लड़किया अपने स्कूल के बंद होने से काफी दुखी है। दसवीं कक्षा की छात्रा विनीता कुमारी ने कहा, “हमें खबर मिली कि हमारा स्कूल भी बंद होने जा रहा है और हमें दूसरे स्कूल भेज दिया जाएगा, जो हमारे गांवों भथुआ, पुपुनकी आदि से काफी दूर में स्थित है। हमारे स्कूल में 500 से अधिक छात्र हैं। इस विलय के बाद प्राथमिक कक्षाओं के अधिकतर छोटे बच्चे और छात्राओं को बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी। क्योंकि हम गरीब है। स्कूल भेजने के लिए न तो माता-पिता हमारा परिवहन का खर्च उठा सकते हैं और न ही इतनी दूर जाने की अनुमति देंगे “।

खंडहर होते जा रहे है बंद स्कूल –
बीएसएल एलएच सहित विभिन्न सेक्टरों में बंद पड़े स्कूल भवन न केवल खंडहर होते जा रहे हैं, बल्कि असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गये हैं। कई स्कूलों की खिड़की दरवाजे सहित अन्य सामानों की चोरी हो चुकी है। कुछ स्कूल आवारा मवेशियों का डेरा बन चुके हैं। वहीं , कुछ स्कूल भवन का उपयोग दूसरे कार्यों में हो रहा है जैसे , सेक्टर टू मीडिल स्कूल में ठेका कर्मियों का सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र खुल गया है। सेक्टर छह ए बीआइवी में कोविड का टीका केंद्र बना दिया गया है।

ऐसे होते गए बीएसएल स्कूल बंद –
बीएसएल के स्थापना काल में कंपनी के कर्मचारियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से सेक्टरों में मिडिल व हाई स्कूल खोला गया था। तब आज की तरह निजी स्कूलों की संख्या नहीं के बराबर थी। लेकिन जैसे – जैसे प्लांट में कर्मियों की संख्या कम होती गयी वैसे – वैसे बीएसएल के स्कूल बंद होते गये। वहीं दूसरी ओर दर्जनों निजी विद्यालय खुलते गये।

42 स्कूलों में सिर्फ रह गए 9 बीएसएल स्कूल –
एक समय बीएसएल कर्मियों की करीब 55 हजार थी। उस वक्त बीएसएल के 42 स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 25 हजार थी। अब लगभग 10 हजार कर्मी और करीब 4500 विद्यार्थी हैं। जो नौ स्कूलों में पढ़ते हैं, मतलब बीएनएल के 42 में से 33 स्कूल बंद हो चुके है। हैरत तो यह है कि आनेवाले दिनों में नौ में से सात स्कूलों को बंद करने की योजना है। यानी दो स्कूलों का ही संचालन किया जायेगा। अब जबकि 33 स्कूल बंद हो चुके हैं तो जाहिर है कि देख-रेख नहीं होने से भवन जर्जर होते जा रहे हैं।

खाली स्कूल भवनों के उपयोग का निर्णय लेगी सेल-
बच्चो के साथ-साथ टीचरो और प्रिंसिपल की घटती संख्या का भी स्कूलों के बंद होने का एक अहम् कारण है। हालांकि बीस-बीच में बीएसएल प्रबंधन कॉन्ट्रैक्ट टीचर की बहाली कर रहा है पर इससे समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। इन स्कूल प्रबंधन के अनुसार , खाली पड़े स्कूल भवनों के उपयोग पर निर्णय सेल स्तर पर होना है।


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3 thoughts on “BSL के 42 स्कूलों में 33 बंद, पर जैसे ही प्रबंधन ने इस स्कूल में डाला हाथ, दुखी होकर बच्चे पहुंचे TA डिपार्टमेंट
  1. Ye bahaut badi samasya hai sector 2 ke band school me jo chal raha hai uski wajah se wha ke pure ground ko wha illegal tarike se rah rahe logo ne toilet bana kar rakh diya hai aam admi na wha walk ke liye ja sakta hai na hi bache khelne ke liye ja sakte hai

    Ek bahaut badi samasya Quarters ka illegal tarike se adhigrahaan bhi hai kitne hi Quarter aise hai jise wha ke kuch ladko ne lock thod kar usse rent pe lagaya hua hai aur koi iss baare me kuch nahi kar raha hai.
    Ek samasya ye hai ki jitne bhi logo ke quarter ground floor pe unn sabhi ne jarurat se jyada area ko adhigrahaan kar rakha hai

  2. Ye bhut bura ho Raha h….bsl k employee k bacho k sath or sath me Jo bache education k liye Jada fee nhi de sakte h unlog k sath …wo uneducated reh jaeye gae….bs kuch teacher ko he to join Kar wana h…bsl k pass apna infrastructure v h student v h…to thora dhayan de degi bsl to …bokaro phile jaisa education hub ban paye ga

  3. BSL school band hone se, private school ka manmani badh raha hai. Or BSL khud ,moti rakam le kar private school ko badawa de rahi hai. BSL k dwara kai v aysa kadam nahi liya ja raha hai, jis-se Bokaro k logo ko fayda ho.
    CSR ka koi lena dena nahi hai. BSL se sirf other state ya other countries ko fayda ho raha h.
    BSL management ab paisa kamane me lagi hai, Sare bache jamin lease pe de rahi hai.
    Wo ye bhul gye hai ki, displace (visthapit) logo se, jamin sirf BSL plant ko banane Or logo ko suvida k liye liya gaya tha.

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