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बोकारो के सबसे बड़े बैंक लॉकर चोरी कांड में, सुप्रीम कोर्ट का SBI को आदेश – 80 साल के बुजुर्ग को 30 लाख भुगतान करें


Bokaro: साढ़े चार साल बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI), प्रसाशनिक भवन शाखा (HSCL building), नयामोड़ में हुए शहर के सबसे बड़े लॉकर चोरी के पीड़ितों के लिए एक नई आस जगी है। बैंक को पीड़ितों में से एक 80 साल के बुजुर्ग को 30 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है।बुजुर्ग गोपाल प्रसाद महंती की जीवन भर की कमाई भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बैंक लॉकर से चोरी हो गई। इसके बाद वह बैंक और कोर्ट का चक्कर काट कर पूरी तरह टूट गए थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्ग के हित में फैसला सुनाया और बैंक को 30 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस ओका की बेंच ने बैंक से कहा, “बुजुर्ग की पूरी जिंदगी की बचत चली गई है क्योंकि उन्होंने आप पर भरोसा और विश्वास रखा। हम पर्सनली नुकसान का फैसला नहीं कर सकते हैं लेकिन इस बुजुर्ग को काफी परेशान किया गया है।”

बोकारो के इतिहास में सबसे बड़ी बैंक लाकर चोरी की थी घटना –
एसबीआई के उक्त ब्रांच में कुल 76 लाकर से चोरी हुई थी। उनमे से एक ग्राहक गोपाल प्रसाद महंती के बैंक लॉकर में कुछ कैश, गहने और कीमती सामान भी चोरी हो गए थे। घटना 25 दिसंबर 2017 की रात को बैंक में सेंधमारी कर हुई थी। इसके बाद बुजुर्ग और एसबीआई के बीच कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी। भारतीय स्टेट बैंक ने इस साल 7 अप्रैल को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) द्वारा 30 लाख रुपये के मुआवजे से परेशान होने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

क्या बैंक सुरक्षित है?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बैंक ने कहा, “यह आदेश हमारे लिए बहुत मुश्किल पैदा करता है क्योंकि बैंक को नहीं पता कि लॉकर में क्या चीजें पड़ी हैं।” वर्तमान मामले में भी यह समस्या उत्पन्न हुई क्योंकि महंती के साथ एक अन्य ग्राहक शशि भूषण कुमार ने दावा किया कि उन्होंने 32 लाख रुपये मूल्य के सोने के गहने, चांदी के गहने, नकद और 1.85 लाख रुपये से अधिक मूल्य की पुरानी वस्तुएं, महंगी कलाई घड़ियां चोरी हुई है।

गिरोह के सरगना हस्सान चिकना सहित 16 गिरफ्तार –
चोरी के बाद, पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया और कुछ मात्रा में गहने बरामद किए क्योंकि चोरों ने बाकी गहनों को सोने के बिस्कुट या ब्लॉक में पिघला दिया था। लेकिन एनसीडीआरसी ने बैंक द्वारा की गई आपत्ति को यह कहकर खारिज कर दिया था कि ग्राहक जिस उद्देश्य से लॉकर किराए पर लेने की सुविधा का लाभ उठाते हैं, वह यह है कि वे आश्वस्त हो सकें कि उनकी संपत्ति का ठीक से ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन वर्तमान मामले में, बैंक शिकायतकर्ताओं की संपत्ति/मूल्यवान वस्तुओं की देखभाल करने में विफल रहा, जो बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए लॉकरों में पड़ी थीं।

बैंक ने कहा हम उत्तरदायी नहीं-
बैंक ने दावा किया कि वह नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि उसने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन किया था, जिसमें शाखा के अंदर और बाहर पूरा परिसर में सुरक्षा अलार्म सिस्टम और सीसीटीवी सिस्टम के प्रावधान की आवश्यकता होती है। घटना के समय, ये सभी सिस्टम काम कर रहे थें, लेकिन बदमाशों ने एक-एक करके फायर अलार्म, सुरक्षा अलार्म और सीसीटीवी को बेअसर करने में कामयाब रहे और उनकी गतिविधियों को डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) में रिकॉर्ड कर लिया गया, जो पुलिस के लिए उपयोगी साबित हुआ। शीर्ष अदालत ने इन मुद्दों पर विचार किया और वृद्ध याचिकाकर्ता को सहायता प्रदान करने के लिए बैंक को मुआवजा देने को कहा।

Source: https://www.hindustantimes.com/india-news/supreme-court-directs-sbi-to-pay-rs-30-lakh-to-80-yr-old-for-bank-locker-theft-101659365159748.html


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