Bokaro: इन दिनों बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर चुपचाप काम कर रहा है और फिर धीमे से लांच कर दे रहा है। हाल के दिनों में ऐसे कई निर्णय लिए गए जिसका पता धरातल पर उतरने के बाद ही लोगो को चला। इस स्ट्रेटेजी से बीएसएल प्रबंधन अनचाहे रुकावटों से न सिर्फ बच पा रहा है, बल्कि काम भी तेजी से और बिना किसी दबाव के हो रहा है।
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कई मामलो में हुआ चुपचाप काम
बीएसएल द्वारा – स्कूलों को डीएवी को देना, स्टील क्लब बनाना, आवासों की मैपिंग, कंस्ट्रक्शन के लिए NBCC के साथ एमओयू आदि काम रातो रात नहीं हुआ, करीब एक साल से आला अधिकारी बिना शोर किये काम पर लगे हुए थे। फिलहाल शहर के विकास से जुड़े और भी प्लानिंग पर काम हो रहा, जो आने वाले कुछ महीनो में बड़े रूप में सामने आएगा।
टाउनशिप की बिजली व्यवस्था प्राइवेट हाथों में
कुछ बड़े निर्णयों में एक, जिसपर गुपचुप तरीके से काम हो रहा है, उनमे सबसे प्रमुख टाउनशिप की बिजली व्यवस्था प्राइवेट हाथो में सौंपने की है। आला अधिकारियों का मानना है कि इससे न सिर्फ बिजली व्यवस्था दुरुस्त होगी, बल्कि शहर में हो रहे वृहद पैमाने में बिजली चोरी ख़त्म होगी और कंपनी को आर्थिक नुक्सान नहीं होगा। बता दें, बीएसएल प्लांट से बोकारो टाउनशिप को 350 मिलियन यूनिट पावर सप्लाई होता है।
BSL की टीम लगी हुई है काम पर
सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश के निर्देश पर बीएसएल के ईडी (पी&ए) राजन प्रसाद ने अपने सबसे काबिल अधिकारियों की टीम को इस काम को पूरा करने के लिए लगाया है। बीएसएल का नगर प्रसाशन विभाग सीजीएम कुंदन कुमार के नेतृत्व में इस पर काम कर रहा है। स्मार्ट मीटर लगाए जाने है। 257 सब-स्टेशन को अपग्रेड किया जाना है, जिनमे सात का हो चूका है। वायरिंग आदि पर काम चल रहा है। प्राइवेट कंपनी को देने के पहले बिजली विभाग अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है।
प्राइवेट कंपनियों से हो चुकी बात, सर्वे…
बताया जा रहा है कि बड़े शहरों के तर्ज पर, बीएसएल बोकारो टाउनशिप की पूरी बिजली व्यवस्था, प्राइवेट कंपनी को देने को लेकर कदम उठा चूका है। कई राउंड बात, सर्वे और कागजी कार्रवाई हो चुकी है। देश की बड़ी कंपनियों ने बीएसएल के इस प्रोजेक्ट पर ना सिर्फ अपनी इच्छा व्यक्त की है, बल्कि प्रस्ताव भी दे दिया है। इससे बीएसएल को काफी फायदा होने वाला है।
इन कंपनियों से हुई बात, ट्रांसमिशन लॉस भी होगा कम..
सूत्रों के अनुसार, जो कंपनिया टाउनशिप की बिजली व्यवस्था का जिम्मा लेने को इच्छुक है, उनके नाम – टाटा पावर, इंडिया पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बंगाल, यूपी, गया आदि क्षेत्र में ऑपरेशनल), आकांक्षा पावर (ओड़िशा, महाराष्ट्र में ऑपरेशनल), टोरेंट पावर (गुजरात और राजस्थान में ऑपरेशनल), राजधानी पावर, बॉम्बे सब अर्बन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई और कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई है।
जिस भी प्राइवेट कंपनी को बीएसएल कार्य सौंपेगा, उसके जिम्मे पावर डिस्ट्रीब्यूशन, रेवेनुए कलेक्शन, ऑपरेशन एंड मेंटेनन्स आदि कार्य होगा। उक्त कंपनी एनर्जी ऑडिट भी करेगी। साथ ही, वर्तमान में बीएसएल के 37 परसेंट ट्रांसमिशन लॉस को आने वाले 10 से कम सालों में 15 परसेंट तक कम करेगी।
चोरी रोकने, बनेगा एनर्जी थाना
निजी कंपनिया शहर में खटाल, अवैध दुकानों और बीएसएल आवासों में किये जा रहे बिजली चोरी रोकने के लिए बड़े शहरों के तर्ज पर एनर्जी थाना बनाएगी। थाने में बिजली चोरी के खिलाफ केस दर्ज़ कर क़ानूनी कार्रवाई करेगी। इन मामलो में दर्ज़ होगा मुकदमा – बिना कनेक्शन हुक डालकर बिजली चोरी करने, बकाए पर कनेक्शन कटने के बाद फिर जोड़ना, मीटर के पहले कट लगाकर बिजली की चोरी, चोरी की बिजली से एसी, मोटर आदि चलाना और घरेलू कनेक्शन पर व्यावसायिक इस्तेमाल करना।
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