Bokaro Steel Plant (SAIL)

BSOA ‘अध्यक्ष’ पद का चुनाव अब इसलिए भी हो गया है important


Bokaro: बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (BSOA) के अध्यक्ष पद का चुनाव अब खाली बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के अधिकारियों के बीच का नहीं रह गया है, बल्कि पुरे सेल के हर प्लांट और यूनिट के ऑफिसर एसोसिएशन की नज़र इस पर है। कारण: ए के सिंह का BSOA अध्यक्ष पद का मजबूत उम्मीदवार होना। खासतौर पर BSOA के अध्यक्ष पद का चुनाव अब चुनावी एजेंडा, समीकरण और वादों से ऊपर उठ कर SEFI पर फोकस हो गया है। रवि भूषण उनके एक मात्र प्रतिद्वंदी है जो उनको अच्छी टक्कर दे रहे है।

सेल के अधिकारियों के पोलिटिकल सर्किट में यह माना जा रहा है की सिंह अगर BSOA चुनाव जीत गए तो SEFI के होने वाले चुनाव में भी अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार रहेंगे। इसलिए SEFI लेवल में सिंह के विरोधी उनको BSOA चुनाव हरवाने की हर संभव कोशिश कर रहे है। बताया जा रहा है कि कई पुराने महारथी एकजुट होकर सिंह को हराने के लिए मंतर फूंक रहे है। उसी तरह, SEFI में सिंह के समर्थक बीएसएल अधिकारियों से उनके पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे है।

कई लोगो का कहना है कि अगर सिंह BSOA अध्यक्ष बने, तो उन्हें SEFI का चुनाव जीतने से कोई रोक नहीं पायेगा। अगर ऐसा हुआ तो शायद पहली बार बीएसएल का कोई अधिकारी SEFI का नेतृत्व करेगा, जो इस शहर के लिए गर्व की बात होगी। चुनाव से एक दिन पहले शनिवार को सिंह को ‘SEFI का नया चेहरा बता’ उनके समर्थको ने जम कर कैंपेनिंग की है। वोटरों से यह बोला गया है कि BSOA के अध्यक्ष पद पर ए के सिंह को वोट देकर आप SEFI का अध्यक्ष चुनिए।इसको दुर्भाग्य ही कहा जाये की वर्ष 1977 में सेफी के गठन के उपरांत आज तक बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन (BSOA) के लोगों को इसके नेतृत्व का अवसर नहीं मिला। जबकि सेल के अन्य सभी इकाईयों जैसे भिलाई, दुर्गापुर, राऊरकेला, सीएमओ, इस्को, आरएमडी यहाँ तक कि जहाँ महज़ 300-400 अफसर वाला RDCIS, रांची के अधिकारियों को भी सेफी का नेतृत्व करने का अवसर मिला है।

वर्तमान अध्यक्ष, बीएसओए तथा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ए के सिंह, महाप्रबंधक, नगर प्रशासन ने कहा कि पिछले 55 वर्षों से सेफी में बीएसओए को आज तक नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिल सका। अब वक़्त आ गया है कि BSOA को सेफी का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान किया जाये।

 


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