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हुनरमंद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए, DPS बोकारो ने खोला ‘स्किल हब’, खूब हो रही सराहना


Bokaro: पूर्वी भारत में अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाने-जाना वाला दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), बोकारो समाज हित में एक बड़ा कदम उठाया है. डीपीएस ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत ‘स्किल हब’ (कौशल केंद्र) शुरू किया है. इसमें वयस्क प्रशिक्षुओं और स्कूल छोड़ने वालों को कढ़ाई और चिकन कला में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करके कुशल और स्वावलंबी बनाया जाएगा.

कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त कुलदीप चौधरी, डीईओ नीलम आइलिन टोप्पो, विद्यालय के प्राचार्य ए.एस. गंगवार एवं अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गान और समाज में बेटियों की उपेक्षा एवं कौशल विकास से उनके स्वावलंबन पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया.उपायुक्त ने डीपीएस की इस पहल की सराहना की है. उन्होंने कहा की जिला प्रसाशन अन्य शिक्षण संस्थानों में भी कौशल विकास केंद्र खोलने को लेकर पहल कर रहा है. साथ जिला प्रसाशन चल रहे इन कौशल विकास केन्द्रो का कॉमन डाटा बेस बनाकर उनमे प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्लेसमेंट मुहैया करने को लेकर वर्क आउट किया जा रहा है.

अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य ए.एस गंगवार ने स्किल हब की विशेषताओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्कूल अपने खर्च पर 36 छात्रों को दक्ष व स्वावलंबी बनाएगा. नई शिक्षा नीति में उन्होंने स्किल डेवलपमेंट के समावेश की भी जानकारी दी, ताकि बच्चे शिक्षित के साथ-साथ दक्ष भी बनाये जा सकें. Video News: 

नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप डीपीएस बोकारो अपने स्किल हब के तहत प्रशिक्षण देगा. इसमें कक्षा- 6 से 12वीं तक के आबादी वर्ग और स्कूल छोड़ने वालों को लक्षित कर व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए उनका कौशल विकास किया जाएगा. इसमें कसीदाकारी कला चिकनकारी की खास तौर से ट्रेनिंग दी जाएगी.

बताया गया कि सभी नामांकित उम्मीदवारों को लिए निःशुल्क प्रशिक्षण मिलेगा. इसके लिए कुशल, प्रशिक्षित और अनुभवी रिसोर्स पर्सन रखे गए हैं. आर्थिक रूप से कमजोर 36 छात्रों की मदद की जाएगी. बालिका अभ्यर्थियों के लिए विशेष प्रावधान है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके. विद्यालय में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों भौतिक रूप से संचालित किए जाएंगे.

पाठ्यक्रम की अवधि 1 से 3 महीने के बीच न्यूनतम 50 घंटे या उससे अधिक के लिए होगी. अतिथि व्याख्यान, क्षेत्र भ्रमण और आवश्यकनुसार पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में इंटर्नशिप का प्रावधान भी रखा गया है. शॉर्ट टर्म कोर्स के पूरा होने के बाद सीबीएसई मूल्यांकन की रूपरेखा के अनुसार प्रशिक्षुओं के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक मूल्यांकन होगा.

पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद सीबीएसई द्वारा प्रशिक्षुओं को स्किल इंडिया के ‘लोगो’ से युक्त प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा. स्किल हब की पहल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 3.0 के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा शिक्षा मंत्रालय के परामर्श से की गई है. इसका उद्देश्य राष्ट्र के युवाओं का सशक्तिकरण एवं स्किल इंडिया मिशन की यात्रा को सतत जारी रखते हुए भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाना है.

 

इस योजना का ध्येय भारतीय युवाओं को बेहतर आजीविका हासिल करने में सहायक उद्योग संबंधी प्रशिक्षण के लिए सक्षम बनाना है।

(Content provided – faculty member Arun Pathak)


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One thought on “हुनरमंद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए, DPS बोकारो ने खोला ‘स्किल हब’, खूब हो रही सराहना
  1. I am a student of dps Bokaro and today I am feeling very proud be a part of this school because This inspiring and encouraging plan (Skill Hub) my school is very inspiring for all over the schools and for mine friends and me. Lots of good wishes for organising this (Skill Hub)

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