Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: लटकी हुई अधर में वैकल्पिक पाइपलाइन परियोजना, विस्थापित आंदोलन को मजबूती देने आगे आया झामुमो


Bokaro: ऐसे समय में जब बोकारो स्टील प्लांट (BSL) आने वाले 2030 तक अपने उत्पादन को दोगुना करने के लिए अपनी विस्तार परियोजनाओं को शुरू करने जा रहा है, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सत्तारूढ़ दल के कैडर विस्थापितों के लड़ाई में उनका साथ देने आगे आ गए हैं। वीडियो नीचे –

झामुमो ने मंगलवार को विस्थापितों के लड़ाई को अपना समर्थन देते हुए दावा किया हैं कि बीएसएल संयंत्र (BSL) और दामोदर नदी के बीच 5 किलोमीटर की वैकल्पिक जल पाइपलाइन परियोजना के स्थापना का काम तब तक बंद रहेगा जब तक प्रबंधन सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देता।

वर्तमान में स्टील टाउनशिप के सेक्टर 9 से आठ किलोमीटर दूर स्थित पचोरा गांव में 2019 में शुरू हुए पाइप लाइन के काम को विस्थापितों ने बंद कर रखा है। पानी पाइपलाइन प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता का आकलन करते हुए बीएसएल (BSL) के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश 24 फरवरी को आला अधिकारियों के साथ पाचोरा गए थे। वहां उन्होंने विस्थापितों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। विस्थापित नहीं पिघले और अपने डिमांड पर अड़े हुए हैं।

इससे पहले भी जिला प्रशासन की मौजूदगी में आंदोलनकारियों व प्रबंधन के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन मामला नहीं सुलझ सका। बीएसएल (BSL) अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए अधिक कच्चे माल, पानी, बिजली, कोयला और अन्य संसाधनों की आवश्यकता है। इसलिए यह वैकल्पिक पाइपलाइन परियोजना महत्वपूर्ण है। यह पाइपलाइन परियोजना तेनुघाट बांध और स्टील प्लांट के बीच 34 किलोमीटर लंबी तेनु नहर की वैकल्पिक व्यवस्था है।

झामुमो द्वारा विस्थापितों को समर्थन देने की घोषणा ने बीएसएल पाइपलाइन परियोजना के खिलाफ विस्थापित आंदोलन को मजबूत किया हैं। झामुमो जिला अध्यक्ष हीरालाल मांझी ने बोकारो में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा, दामोदर नदी से बीएसएल प्लांट तक बिछाई जा रही पाइप लाइन का काम तब तक नहीं होने दिया जाएगा, जब तक बीएसएल प्रबंधन पचोरा व अन्य विस्थापित गांवों की समस्याओं का समाधान नहीं कर देता।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, बीएसएल (BSL) और विस्थापितों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता होनी चाहिए और लिखित समझौता होना चाहिए, क्योंकि पिछली बैठक में बीएसएल प्रबंधन द्वारा दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हुआ। बीएसएल प्रबंधन हमेशा इस क्षेत्र के विस्थापितों को गुमराह करता है। इस बार प्रबंधन के अधिकारियों की कोई चतुराई काम नहीं आने वाली है। झामुमो इस मुद्दे पर विस्थापितों के साथ है। Video :


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