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बोकारो के चिड़ियाघर में जानवरों-पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए किये गए प्राकृतिक उपाय


Bokaro: भले ही नवंबर के तीसरे सप्ताह में ठण्ड उतनी महसूस नहीं हो रही है, पर बोकारो के चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने जानवरों-पक्षियों को ठंड से बचाव की तैयारी पूरी कर ली है। जानवरो के बाड़ों में हीटर या अन्य चीज़ो की व्यवस्था करने के साथ-साथ प्राकृतिक उपाय भी किये जा रहे है।

पेड़ों की शाखाओं को काटा गया है ताकि सूरज की किरणें बिना किसी व्यवधान के बाड़ों तक पहुंचें। कर्मचारियों का मानना ​​है कि सर्दियों के दौरान जानवरों को धूप में बैठना अच्छा लगता है। बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने कहा कि, “हमने रूम हीटर लगाया है, लेकिन सूरज की किरणों को प्रत्येक जानवर के बाड़े तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की है। यह उन्हें अधिक आरामदायक और प्राकृतिक महसूस कराएगा।”

इसके अलावा, कर्मचारियों ने जलावन लकड़ी एकत्र की है जिसे चित्तीदार हिरण और काले हिरण के बाड़ों में जलाया जाएगा ताकि उन्हें गर्म रखा जा सके। धान ने बताया कि, “हिरण गर्म रहने के लिए आग से कुछ फीट दूर बैठना पसंद करते हैं।”

तेंदुए, बाघ और शेरनी के बाड़ों की खिड़कियों पर परदे लगाए गए हैं ताकि शीत लहरों को उनके पिंजरों में प्रवेश करने से रोका जा सके। सांपों, चिड़ियों और पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए उनके सेल में बिचाली बिछाये गए थे। धान ने कहा कि चिड़ियाघर के कर्मचारी जरुरत के अनुसार जानवरों को विटामिन भी दे रहे हैं।

जेएनबी पार्क को बोकारो चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। यह 127 एकड़ में फैला है और विभिन्न प्रकार के जानवरों, पक्षियों और पेड़ों का घर है। पार्क में कुल 26 पशु बाड़े स्थित हैं। जिनमे बाघ, भालू, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा, हिरण, सांप आदि रहते है। जेएनबी पार्क का प्रबंधन और संचालन बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) द्वारा किया जाता है। यह सेक्टर IV में स्थित है।

वर्तमान में, औसत दैनिक आगंतुक लगभग 1500 हैं। पिछले वर्षों के रुझानों के अनुसार, यह संख्या लगभग 3000 – 4000 आगंतुकों के प्रति दिन तक जाने की संभावना है। वर्ष के अंत में और जनवरी के पहले सप्ताह में, यह संख्या प्रति दिन 8000 – 10,000 तक बढ़ जाती है।


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