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बोकारो के लोग ओड़िशा की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से हुए परिचित, लगी हस्त निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी


Bokaro: उत्कल दिवस के अवसर पर सेक्टर चार जगन्नाथ मंदिर परिसर स्थित गीता भवन में उत्कल सेवा समिति की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. उद्घाटन समिति के अध्यक्ष डीएन साहू, सचिव डॉ यू मोहंती, कोषाध्यक्ष पीसी कौर आदि ने किया.

बोकारो के लोग ओड़िशा की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से परिचित हुए. भुवनेश्वर के कलाकारों ने ओडिशा का लोकनृत्य प्रस्तुत किया. सचिव ने कहा कि आज ही के दिन भाषा के आधार पर तत्कालीन बिहार व ओड़िशा प्रदेश का विभाजन हुआ था.

भाषा के आधार पर देश के प्रथम राज्य के रूप में स्वतंत्र ओडिशा राज्य का गठन हुआ, कहा कि ओडिशा अपनी उन्नत संस्कृति, कला, भाषा, साहित्य की उत्कृष्टता के कारण देश विदेश में प्रतिष्ठित हुआ.

कार्यक्रम में ओडिशा की संस्कृति, भाषा, खान पान आदि की जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में आरएन प्रधान, प्रमोद मोहंती सहित ओडिशा समाज के लोग उपस्थित थे.

हस्त निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी

हस्त शिल्प व हस्त निर्मित वस्तुओं को प्रोत्साहित करने के लिए सेक्टर 04 स्थित गीता भवन (जगन्नाथ मंदिर कैंपस) में प्रदर्शनी अन्य मौजूद थे. लगायी गयी है. ओडिशा राज्य समवाय हस्तशिल्प निगम लिमिटेड ओडिशा सरकार की ओर से 10 दिवसीय आयोजन की शुरुआत शनिवार को हुई.

प्रदर्शनी का उदघाटन बीएसएल के इडी चितरंजन महापात्र व राजन प्रसाद ने किया. प्रदर्शनी में लकड़ी की बनी हुई कलाकृति, ओडिशा के प्रसिद्ध चित्र, तसर पेंटिंग, सिल्वर तारकसी काम, पिपली कारिगरी, पीतल व कांसा से निर्मित वस्तु, वैत, बांस से निर्मित कलाकृति, ओडिशी डिजाइन के निर्मित वस्त्र, संबलपुरी, सोनपुरी, माणिआवंध साड़ी, बेड कवर सहित अनेक सामग्री बोकारो के लोगों को मिलेगी, वस्तुओं पर 10 से 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है.

मौके पर उत्कल सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ गोपीनाथ साहू, सचिव डॉ उपेंद्र मोहंती, कोषाध्यक्ष प्रफुल्ल समेत


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