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नियोजन नियमावली में मैथिली को शामिल करने को लेकर मुखर हुए लोग


Bokaro: झारखंड सरकार के नियोजन नियमावली में मैथिली को शामिल करने की मांग को लेकर अब मैथिली भाषा-भाषी मुखर होने लगे हैं। इस मुद्दे पर पूरे राज्य में एकजुट होकर सशक्त आंदोलन चलाने पर जोर दिया जाने लगा है। इसकी शुरुआत मैथिली भाषी राज्य स्तर पर हस्ताक्षर अभियान, पोस्टकार्ड अभियान, ट्विटर अभियान चलाकर करेंगे। यह निर्णय सोमवार की देर शाम अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद की ओर से गूगल मीट पर ऑनलाइन आयोजित राज्य स्तरीय परिचर्चा बैठक में लिया गया।

वक्ताओं ने कहा कि कोरोना के इस संकट की घड़ी में भले ही हम सामूहिक विरोध-प्रदर्शन नहीं कर सकते, लेकिन चुपचाप घर में भी बैठे नहीं रहेंगे। कोरोना समाप्त होते ही पूरे राज्य से जिला बार प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे। इसके साथ ही वक्ताओं ने कोरोना की रफ्तार में कमी आने के बाद जिला स्तर पर धरना व प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन भेजने का भी सुझाव दिया। वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में लाखों की संख्या में मैथिली भाषा-भाषी निवास करते हैं।

मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची और द्वितीय राजभाषा, दोनों में स्थान प्राप्त है। इसलिए झारखंड सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक है। जन-दबाव में केन्द्र सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पर बाध्य होना पड़ा। इसलिए मैथिली का सम्मान वापस लाने के लिए हमें भी सशक्त आंदोलन करना होगा।  डा. रवीन्द्र कुमार चौधरी के संयोजन में आयोजित उक्त बैठक में परिषद के संस्थापक व राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. धनाकर ठाकुर ने उद्घाटन वक्तव्य दिया।

बैठक में गोड्डा से राजीव रंजन मिश्र, साहिबगंज से ध्रुव ज्योति सिंह, देवघर से ओम प्रकाश मिश्र, धनबाद से आशीष मिश्र, प्रवीण झा, बोकारो से वरिष्ठ साहित्यकार गिरिजानन्द झा ‘अर्धनारीश्वर’, साहित्यकार व मिथिला सांस्कृतिक परिषद्, बोकारो के प्रेस सचिव अरुण पाठक, साहित्यलोक के संयोजक अमन कुमार झा, डॉ सन्तोष कुमार झा, नीलम झा, पत्रकार विजय कुमार झा, रांची से अजय झा, अमरनाथ झा, हजारीबाग से वरिष्ठ साहित्यकार हितनाथ झा, सरायकेला खरसावां से राजीव रंजन, जमशेदपुर से मिथिला सांस्कृतिक परिषद के महासचिव ललन चौधरी, अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के महासचिव पंकज कुमार झा, उपाध्यक्ष कमल कांत झा, विनय झा, प्रवक्ता प्रमोद कुमार झा सहित आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में गंगेश पाठक, विवेकानंद झा, नरेन्द्र झा, विजय शंकर, अश्विनी कुमार, अभिनव, निभा पाठक आदि भी शामिल थे। बैठक के अंत में बोकारो की नीलम झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


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