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SAIL-BSL प्लांट का विस्तार हो, लेकिन विस्थापितों के सपनों का भी विस्तार होनी चाहिए: बोकारो विस्थापित मंच


Bokaro: विस्थापित गांवों को पंचायत में शामिल करने के मांगों के साथ अन्य 13 सूत्री मांगों लेकर बोकारो विस्थापित मंच (BVM) ने जिला समाहरणालय में बुधवार को पूर्व मंत्री सह मंच के मुख्य संरक्षक उमाकान्त रजक के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना दिया। सम्बोधित करते हुए उमाकान्त रजक ने कहा कि विस्थापितों ने 65 वर्ष देश की इच्छा के अनुरूप देश हित मे जमीन न्याछोवार किया है। इतने समय से न्याय की आस में हैं। यदि ओर देरी हुई तो विस्थापित कोई कदम उठाने को विवश होंगे।

उन्होने कहा कि जमीन अधिग्रहण के समय और उसके बाद के संकल्पों को लागू करवाने में सरकारे विफल हुई है। वहीं बीएसएल प्रबंधन के कार्यक्रम में विस्थापित मामला का स्थान ही नहीं है। जिसके कारण विस्थापितों के मिले अधिकार लागू नही हो रहा है। अन्याय का पराकाष्ठा है कि 19 गांव आदि काल से हैं। उनके वोट से कितने पीएम-सीएम बन गये। लेकिन उन्हें अपना मुखिया चुनने से रोका गया है। इस पर विस्थापितों का खून क्यों नहीं खौलेगा ?उन्होंने कहा कि मंच विस्थापितों की से सरकार से लगातार गुहार कर रहा है कि जमीन अधिग्रहण कानून एवं बिहार सरकार के चतुर्थ श्रेणी के नौकरी के संकल्प को लागू करवाये। अप्रेंटिस की सीधी बहाली करे। पुनर्वास क्षेत्रों को होल्डिंग टैक्स से मुक्त करे। यदि गुहार को दरकिनार करने की कोशिश होगी। तो विस्थापितों के पास लड़ाई के लिए कड़ा कदम उठाने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचेगा। प्रबंधन, शासन को इसे याद रखना चाहिए।

मुख्य संयोजक सह पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा की बिहार सरकार ने जिस उदेश्य से जमीन अधिग्रहण किया था। उस उदेश्य से बीएसएल उपयोग नही कर रहा है। बियाडा भी जमीन का हेरफेर कर रहा है। दोनो नीति के खिलाफ काम हो रहे हैं। उससे विस्थापित ओर देश को आर्थिक क्षति हो रही है। इस पर कड़ी निगरानी रखना जुला प्रशासन का काम है।उन्होने कहा कि विस्थापित के सवाल का समाधान सरकार को खोजनी चाहिए। जितनी देरी होगी,उतना विस्थापित में आक्रोश में लगातार बढेगा। जिससे प्लांट को क्षति होगी। प्लांट का विस्तार हो, लेकिन विस्थापितों के सपने का विस्तार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विस्थापित के सभी विभूति के आदम कद प्रतिमा शहर में लगे। सभी गांवों का नाम का बोर्ड लगे।

विस्थापित भगवान साव ने कहा कि बोकारो को अतिक्रमण मुक्त करें और बंद पड़े स्कूलों को खोलने का काम करें। मुख्य सलाहकार साधु शरण गोप ने कहा कि उपायुक्त सिर्फ प्लांट के संरक्षक नहीं है। वे विस्थापित के भी संरक्षक हैं। उनके अधिकार को लागू करवायें। बीएसएल प्रबंधन पर लगाम कसे। बीएसएल को नीति के खिलाफ के कामों का समर्थन नही करें।। आगामी 27 अक्टूबर को प्लांट में विस्थापित कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे।अध्यक्षता करते हुए संयोजक हाकिम प्रसाद महतो ने कहा कि मंच अपनी बातों को क्रमवार सभी वैधानिक पदों पर बैठे लोगों के पास जाकर साक्ष्य के साथ रख रहा है। उसी क्रम आज उपायुक्त के समक्ष मंच पहुँचा। विस्थापित के साथ बहुत अन्याय हुआ है। तभी लोग सड़क पर बैठे हुए हैं। प्रसाशन को इस दुख का भान होना चाहिए। इसका जिम्मेदारी से जिला प्रशासन नही बच सकता है। विस्थापित हित मे काम करने का योजना जिला प्रशासन को बनाना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन अश्वनी कुमार झा ने किया।

मौके पर चास पमुख सरिता देवी, मुखिया टीना सिंह, मंतोष सोरेन, विस्थापित नेता सहदेव साव, रघुनाथ महतो, धीरेन्द्र नाथ गोस्वामी, हसनुलाह अंसारी, अरूण कुमार महतो ,सचिन महतो, फुलचाँद महतो,अब्दुल मन्नान अंसारी , अब्दुल गफ्फार अंसारी, बधन शर्मा, जियाउल हक , इरफान अंसारी, हक़ बाबू, शंकर लाल गोप, सुनील महतो, बासुदेव महतो, भैरव महतो, रंजीत महतो, सरोज महतो, चौहान महतो , भगवान प्रसाद साहू, मंनिरूद्दीन अंसारी, विनय कुमार , गोपाल चंद्र महतो, सुधीर हरि, राम प्रसाद गोराई, मो अबास, मो सज्जाद, शनिचर महली, प्रदीप गोरांई बधन शर्मा अघनू रजवार, सुधीर कुमार हरि


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