Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: बीजीएच के CCU में वेंटीलेटर क्राइसिस- कम संसाधनों में भी डॉक्टर कर रहे इलाज


Bokaro: क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) किसी भी अस्पताल की आत्मा होती है। बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) का सीसीयू भी लोगो के लिए जीवनदान है। इसमें सिर्फ सीरियस मरीज ही भर्ती किये जातें है। डॉक्टरों-नर्सो की एक डेडिकेटेड टीम होती है जो 24 घंटे मरीज के इलाज में लगी रहती है। सीसीयू में थोड़ी सी भी चूक की गुंजाईश नहीं होती है क्योंकी मरीज पूरा डॉक्टरों पर निर्भर रहता है। अटेंडेंट को अंदर रहने की इजाजत नहीं होती है।

इतना क्रिटिकल विभाग होते हुए भी बीजीएच प्रबंधन अपने 18-बेड के सीसीयू को लेकर बेहद लापरवाह दिख रहा है। बताया जा रहा है कि बीजीएच के सीसीयू में लगे सारे के सारे 18 बेड डिफेक्टिव है। एहि नहीं सीसीयू में 14 वेंटिलेटर्स में से सिर्फ चार ही काम कर रहा है। बाकि सब बेकार पड़े है। ध्यान देने योग्य बात यह है की जो भी वेंटीलेटर चालू हालत में है वह बीजीएच को पीएम केयर फण्ड से मिले हुए है।

एहि नहीं, बीजीएच के सीसीयू की खस्ता हालत का अंदाज़ा इससे भी लगा सकते है की उस वार्ड के बेड पर लगे 13 बेडसाइड मॉनिटर में से सिर्फ 3 ही काम कर रहे है बाकि ख़राब है। डॉक्टर और नर्सस की क्राइसिस पहले से ही यह क्रिटिकल वार्ड झेल रहा है। एहि नहीं इसके आलावा बहुत से ऐसी जान बचाने की चीज़े है जो या तो ख़राब पड़ी है या है ही नहीं। जैसे ABG मशीन नहीं है। जो सीसीयू में रहना बेहद जरुरी है। सिरिंज पंप और HFNO की भी बेहद कमी है। जहां 25 सिरिंज पंप होनी चाहिए वहां सिर्फ आठ ही है।

ऐसा नहीं है की सीसीयू विभाग की हालत बीजीएच प्रबंधन से छुपी हुई है। कुछ डॉक्टरों ने स्तिथि को सँभालने के लिए ख़राब पड़े वेंटीलेटर और अन्य इक्विपमेंट का डेट ऑफ़ परचेस और एएमसी स्टेटस जाने की कोशिश की थी। ताकि उन सब मशीनों को बनवा कर वापस इस्तेमाल में लाया जा सके। पर लाख जतन करने के बाद भी वह नहीं मिला। मिली तो सिर्फ दिलासा की कंपनी प्रॉफिट में है नया खरीद लिया जायेगा। बीजीएच के सीसीयू की यह स्तिथि चिंता का सबसे बड़ा कारण है।

बता दें, बीजीएच का संचालन सेल का बोकारो इस्पात संयंत्र करता है। अपनी गिरती चिकित्सा व्यस्वस्था के चलते बीजीएच लोगो का भरोसा खोते जा रहा है। स्तिथि यह है की बीजीएच के कुछ विभागों को छोड़ डॉक्टर्स धड़ले से मरीजों को बड़े शहरों के प्राइवेट अस्पतालों में रेफेर कर रहे है। पिछले जनवरी 2019 से अब तक बीजीएच 36 करोड़ रूपये खर्च कर अपने बीएसएल के कर्मचारियों और उनके डिपेंडेंट्स का इलाज बाहर के अस्पतालों में करवाया है। बीएसएल के 16 विभागों में 13 में सुपरस्पेशलिस्ट्स नहीं है।

बीएसएल प्रबंधन का स्टेटमेंट –

राउरकेला से 10 दिनों के भीतर सीसीयू के लिए 10 वेंटिलेटर आ रहे हैं। बेडसाइड मॉनिटर, बेड और कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों के लिए ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है। एक महीने के भीतर ये मिल जाएंगे। सुधारात्मक कार्रवाई पहले से ही की जा रही है।


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