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Bokaro: विस्थापितों ने घेर कर रखा BSL का हेडक्वार्टर, डीसी कार्यालय पर भी ‘दंडवत’ आंदोलन, फिर भी चुप है BSL प्रबंधन


Bokaro: ऐसा प्रतीत होता है की बोकारो इस्पात प्रबंधन (BSL) विस्थापितों के आंदोलन को उतनी गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसके चलते बोकारो टाउनशिप का माहौल ख़राब हो रहा है। शुक्रवार को नौकरी की मांग को लेकर अलग-अलग विस्थापित गुटों द्वारा शहर में दो जगह जोरदार प्रदर्शन किया गया। सड़को पर होने वाले इस तरह के प्रदर्शन से आमलोगों को भी परेशानी हो रही है, पर बीएसएल (BSL) प्रबंधन मौन है। Video नीचे –झारखण्ड आन्दोनकारी युवा मोर्चा के बैनर तले उपायुक्त कार्यालय के समक्ष दण्डवत प्रणाम न्याय की मांग प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी जमीन में हाथ जोड़कर दंडवत लेट गए। वही बीएसएसल के प्रसाशनिक भवन (ADM) के समक्ष मुख्य रास्ता ब्लॉक कर विस्थापित अपरेंटिस संघ के सदस्य धरना देते रहे। बीएसएल कर्मियों के प्लांट और एडीएम जाने का मुख्य रास्ता बंद रहा। पुलिस बल तैनात रही। Video नीचे –

उपायुक्त कार्यालय पर ‘दंडवत आंदोलन’ उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ललित नारायण ने कहा कि विस्थापित अपनी ज़मीन देकर रोजगार एवं नियोजन को लेकर वर्षो से दर दर भटकने को मजबूर हैं। रोजगार व नियोजन को लेकर जिला प्रशासन की अध्यक्षता में बीएसएल प्रबंधन के साथ विस्थापितो के वार्ता में सर्वसम्मति से जो निर्णय लिये गये, बीएसएल प्रबंधन द्वारा उसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है।Video नीचे –

आज के दण्डवत प्रणाम न्याय कार्यक्रम कर जिला प्रशासन से गुहार याचना करती है कि आप जनता के हित के लिए हैं और आपको न्याय करना है आपके यहाँ से लोगो को न्याय मिलता है। आज विस्थापित गरीबी भूखमरी लाचारी बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं।

BSL के हेडक्वार्टर पर आंदोलन – 

बीएसएल के हेडक्वार्टर के सामने का माहौल बदला हुआ था। एक कोने में सड़क को घेर कर गढ़वा से आये मजदुर धरना दे रहे थे। उधर दूसरी तरफ विस्थापित अपरेंटिस संघ के युवा प्लांट जाने वाले मुख्य सड़क को घेरकर धरना दे रहे थे। बीएसएल के प्रसाशनिक भवन और एचआरडी बिल्डिंग का मुख्य द्वार जाम रहा। बीएसएल के अधिकारी और कर्मी पीछे के रास्ते से आ जा रहे थे।

विस्थापित युवा संघ के सदस्य सुनील कुमार ने कहा कि पिछले छह सालो में करीब 1500 विस्थापितों को तीन बैच में बीएसएल ने अपरेंटिस ट्रेनिंग यह कहते हुए कराया कि उन्हें उसके बाद नौकरी दी जाएगी। पर आज तक एक अपरेंटिस ट्रेनिंग किये विस्थापित युवा को नौकरी नहीं मिली। हमलोगो ने कई बार आंदोलन भी किया जिसमे जिला प्रसाशन के पहल पर वार्ता भी हुई। जिसमे बीएसएल ने आश्वासन दिया और उसके बाद भूल गई। इस बार जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती हम पीछे नहीं हटेंगे।

प्रबंधन मौन
आंदोलन को 24 घंटे से ऊपर हो गया पर बीएसएल प्रबंधन के तरफ से एक भी अधिकारी द्वारा प्रदर्शन समाप्त करने के लिए वार्ता करने नहीं आये। गुरुवार को जयराम महतो ने प्रदर्शन के दौरान बीएसएल प्रबंधन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था जो शनिवार को समाप्त हो जायेगा।
चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, बीएसएल, मणिकांत धान से पूछने पर उन्होंने कहा कि प्रबंधन इस मामले को देख रहा है।


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