Bokaro Steel Plant (SAIL)

BSL: जूनियर ऑफिसरों (JO) ने कंपनी का दिया हुआ मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ कर किया प्रदर्शन


Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) में जूनियर ऑफिसर (JO) के पद पर कार्यरत अधिकारियों ने कंपनी द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर अपना रोष व्यक्त किया। सेल में काम करने वाले अधिकतर JO पे फिक्सेशन में हो रही देरी को लेकर प्रबंधन से खासे खफा है। सेल के JO 2008-10 बैच के पे फिक्सेशन का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है।

सेफी द्वारा सेल प्रबंधन से बार बार इस मामले का समाधान करने की अपील की गई पर आज तक सेल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता के साथ नही लिया। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष सितंबर माह में इस मुद्दे पर रिपोर्ट बनाने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया था। जिसको 15 दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करना था, पर इतने महीने बीत जाने के बाद भी ये मुद्दा वही का वही अटका हुआ है।

सेफी के द्वारा पहले भी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की गई थी पर प्रबंधन के आश्वासन के बाद दो बार विरोध प्रदर्शन को टाला गया था। उसके बाद भी दिए गए समय के अंदर इस मुद्दे के समाधान के लिए किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि न देखते हुए सेफी ने 14 फरवरी की कौंसिल मीटिंग में विरोध के कार्यक्रम को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था।

अधिकारियों ने कहा कि BSOA की तरफ से इस मुद्दे में किसी भी प्रकार की गतिविधि न होते देख उन्होंने सेफी के आवाहन पर खुद अपना CUG नंबर स्वीच ऑफ कर आज प्रदर्शन किया। बीएसएल में करीब 300 JO कार्यरत है। सभी सेल प्रबंधन के इस सौतले ट्रीटमेंट से परेशान है। आज अधिकतर लोगो ने प्रदर्शन में भाग लिया।

एक अधिकारी अजय कुमार पांडेय ने कहा कि हालात की गंभीरता को देखते हुए उनलोगो ने अपना अल्टरनेट नंबर भी शेयर कर रखा था। ताकि किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो और न ही प्रोडक्शन में भी कोई बाधा आये। BSOA के वाईस प्रेजिडेंट मनोज कुमार ने कहा हमलोग तब तक आवाज़ उठाते रहेंगे जबतक सेल प्रबंधन हमलोगो की मांगो को पूरा नहीं करता। JO अधिकारियों ने दुर्गापुर में हुए हादसे पर शोक व्यक्त किया।

बोकारो आफिसर्स एसोसिएशन (BSOA) के अध्‍यक्ष ए के सिंह ने सेफी के फैसले पर नाराजगी जाहिर की-
ए के सिंह ने कहा- शुक्रवार के दिन में 12 बजे सबको पता चल गया कि दुर्गापुर में हादसा हुआ है। तीन की मौत और चार जिंदगी-मौत से लड़ रहे हैं। सेल मुख्‍यालय से लेकर आसपास की यूनिटों के अधिकारी दुर्गापुर पहुंच चुके हैं। ऐसे में स्‍टील एग्‍जीक्‍यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी को अपना फैसला वापस लेना चाहिए और प्रबंधन के साथ खड़ा होना चाहिए। संकट की घड़ी में हम साथ नहीं देंगे तो कौन देगा। हम अधिकारी हैं, इसको न भूला जाए। सेफी की आपात बैठक बुलाकर श्रद्धांजलि सभा तक नहीं की गई। चेयरमैन चुनावी दौरे में व्‍यवस्‍त हैं। एके सिंह ने दावा किया कि कहीं किसी प्‍लांट में फोन बंद नहीं है। सब जगह चालू है। बोकारो में अधिकतम 15 लोग ही फोन बंद किए हुए हैं। सेफी से 16 यूनिट जुड़ी हुई हैं, ज्‍यादातर को इसके बारे में पता तक नहीं है। इसलिए वहां फोन तक नहीं बंद किय गया है। वहां के ओए ने तय किया है कि संकट के समय में वह फोन नहीं बंद कर सकते।


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