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बोकारो में संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अमृत युवा कलोत्सव संपन्न


Report | S.P Ranjan

Bokaro: भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा अकादेमी के छऊ केंद्र, चंदनकियारी और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), बोकारो स्टील प्लांट के सहयोग से बोकारो में आयोजित तीन दिवसीय अमृत युवा कलोत्सव 2023-24 का समापन शुक्रवार की शाम सेक्टर 2 कला केन्द्र में भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पद्मभूषण करिया मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे पुरानी व समृद्ध है। भारत में संस्कृति एक जीवन दर्शन भी है। महान ग्रंथ रामायण और गीता ने पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को प्रसिद्धि दी है। संगीत नाटक अकादेमी द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय कला संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास प्रशंसनीय है।

युवाओं को मंच प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित करना जरूरी है। श्री मुंडा ने आशा व्यक्त की कि आगे भी संगीत नाटक अकादेमी भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाये रखने के लिए कार्य करती रहेगी।

विशिष्ट अतिथि बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि बोकारो एक अद्भुत नगर है। कला संस्कृति के प्रति लोगों का जुड़ाव प्रशंसनीय है। उन्होंने आगे भी अकादेमी द्वारा बोकारो में इस तरह के आयोजन की कामना की और इस सफल आयोजन के लिए संगीत नाटक अकादेमी व बोकारो स्टील प्लांट को धन्यवाद दिया।

प्रारंभ में स्वागत भाषण में संगीत नाटक अकादेमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने अकादेमी की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और बोकारो में आयोजित इस तीन दिवसीय कलोत्सव के प्रति बोकारो के कलाप्रेमियों के उत्साह व आयोजन सहयोगियों के समर्थन की सराहना की। समापन समारोह में उपस्थित अतिथियों व कलाप्रेमियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संगीत नाटक अकादमी एडवाइजरी कमिटी के सदस्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने कहा कि भविष्य में भी अकादेमी की ओर से इस तरह के आयोजन बोकारो में आयोजित होंगे।

अमृत युवा कलोत्सव के अंतिम दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली से आये श्रृषि शंकर उपाध्याय व महिमा उपाध्याय के पखावज युगलबंदी से हुई। इन्होंने बहुत ही सुंदर युगलबंदी प्रस्तुत कर सभी का मन जीत लिया। इनकी युगलबंदी में हारमोनियम पर लहरा दे रहे थे मोहित। झारखंड के जोरो पार्टी व दल की प्रस्तुति बाहा नृत्य, झारखंड से ही नूतन लाकरा व दल की प्रस्तुति मर्दाना झूमर नृत्य, सृष्टि छऊ निकेतन की प्रस्तुति सरायकेला छऊ नृत्य व झारखंड की ही निवेदिता महापात्रा, ओलिविया विश्वास, कृशाल प्रसाद व चरित्र सरकार की प्रस्तुति कथक नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा।

समापन बघेली-हिंदी नाटक लतमरबा के सशक्त मंचन से हुआ। इंद्रावती नाट्य समिति, मध्य प्रदेश की प्रस्तुति इस नाटक का निर्देशन नीरज कुंदेर ने किया। मंच संचालन डा राजश्री जयंती ने किया। 

इस मौके पर प्रसिद्ध धुपद गायक व छऊ एडवाइजरी कमिटी के चेयरमैन सह संगीत नाटक अकादमी एग्जक्यूटिव कमिटी के सदस्य उमाकांत गुंदेचा (भोपाल), संगीत नाटक अकादमी एडवाइजरी कमिटी के सदस्य डॉ संजय कुमार चौधरी (बोकारो), नंदलाल नायक (रांची), अभिराम भडकमकर (मुंबई), छऊ नृत्य गुरु तपन पटनायक, आयोजन के मीडिया समन्वयक अरुण पाठक, संगीतज्ञ पं बच्चन महाराज, डॉ राकेश रंजन, प्रो पीएल वर्णवाल सहित काफी संख्या में संगीत व कलाप्रेमी उपस्थित थे।


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