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मनोरंजन और रोचकता से भरपूर रहा चिन्मया विद्यालय का ‘लाइफ स्किल्स वर्कशॉप’


Bokaro: चिन्मय विद्यालय बोकारो में टीचर कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत लाइफ स्किल्स पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सूत्रधार विकास कुमार परिधारिया थे। इस कार्यशाला की उपयोगिता पर उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी चुनोतियों से भरा है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिये कि वे आनेवाली सभी चुनोतियों का सामना कर सकें और एक सफल एवम गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकें।

आज के सत्र तीन स्तरों पर आधारित थी। प्रथम सत्र ब्रेन स्टोमिंग शेशन पर था। दूसरे सत्र में लाइफ स्किल्स क्या है ? इसके बारे में जानकारी दी गई। तीसरे सत्र में रचनात्मक कार्यों से जुड़ा हुआ था जिसमें शिक्षकों को तत्क्षण कविता, कहानी, गीत, नाटक आदि लिखने थे, जिसमें सभी लाइफ स्किल समाहित हो।

शिक्षकों ने कई तरह की रोचक रचनायें प्रस्तुत की जो मनोरंजक एवम उद्देश्य पूरक थी।इसके बाद शिक्षकों को विकास परिधारिया ने बड़े ही रोचक एवम सरल तरीके से तकनीक सिखाया कि कक्षा में इसका प्रयोग कैसे करें। सभी स्तर पर कई जीवंत गतिविधियों में शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम के अंत में विकास परिधारिया ने सरलतम तरीके से सभी  के प्रश्नो का समाधान किया। यह कार्यशाला समग्र रूपेण अपने उद्देश्य की प्राप्ति में शत प्रतिशत सफल रहा। सभी शिक्षक कार्यशाला से  संतुष्ट दिखे और उन्होंने बताया कि ये सभी स्किल्स जो कार्यशाला में सिखाये गए है। उन्हें आसानी से क्लासरूम टीचिंग में लागू किया जा सकता है और बच्चों को सामर्थ्यवान बनाया जा सकता है।

कार्यशाला का संचालन सुप्रिया चौधरी एवम रश्मि शुक्ला ने किया। विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी एवम प्राचार्य सूरज शर्मा ने कार्यशाला की बहुत उपयोगी एवम आज की शिक्षा पद्धति की जरूरत बताया।

चिन्मय विद्यालय बोकारो में ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन 

शिविर में उपस्थित मुख्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत गणेश वंदना एवं नृत्य से किया गया । इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय के बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किये गये । विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी, प्रचार्य सुरज शर्मा, नरमेन्द्र कुमार, गोपाल चन्द मुंशी, निशांत कुमार ने दीपप्रज्जवलीत कर एवं गुब्बारे उड़ा कर ‘रेडियंट सीवी-2023’ ग्रीष्मकालीन शिविर का शानदार उदघाटन किया।

शिविर के शुभारंभ के शुभ अवसर पर सचिव महेश त्रिपाठी एवम प्राचार्य सूरज शर्मा ने कहा कि शिविर से बच्चे “लर्निंग विद डूइंग” तकनीक से सीखते है और शिविरों में  विद्यार्थी कुछ अलग ही लगाव से सीखते हैं।

समर कैंप में कई तरह की एक्टिविटीज होती हैं, जिससे बच्चों का हिडेन टैलेंट सामने आता है। समर कैंप में दोस्तों संग मौज करने का मौका मिलता है, जिससे हैवी सिलेबस का प्रेशर कम हो जाता है।  खेल-खेल में बच्चों को कहानियां और कविताएं याद हो जाती हैं। समर कैंप में इंडोर गेम और आउटडोर गेम बच्चों के अंदर कॉन्फिडेंस पैदा करता है।

शिविर में स्पोर्ट्स, इंग्लिश, हिंदी, खाना पकाना, फ़िल्म निर्माण, सामाजिक अध्ययन, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी,  नृत्य, गाना, संगीत को शामिल किया गया था। इसमें 790 से अधिक विद्यार्थियों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया। शिविर के मुख्य सूत्रधार निशांत सिंह ने पूरे कैम्प का संचालन सफलता पूर्वक किया।


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