Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL: 11 महीनो में आवास लाइसेंस के रेंट में 10 % बढ़ोतरी गैर वाजिब, मनमाने ढंग से बढ़ाया जा रहा रेंट


Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) प्रबंधन का टाउनशिप के प्रति रुख अजीबोगरीब है। जो अवैध है उसके लिए सब फ्री, जो वैद्य है उसपर सितम जारी है। बीएसएल के इस अजीबोगरीब रवैये पर हर वर्ग अब आवाज़ उठाने लगा है। बीएसएल प्रबंधन की जमकर किरकिरी हो रही है। डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के आने के बाद लोगो के अंदर जो आशाएं जागी थी, वह धूमिल होने लगी है।

लोग समझ गए है कि कोई परिवर्तन नहीं होने वाला है, बस वैसे ही चलेगा जैसे चलता रहा है। प्रबंधन का अतिक्रमण हटाओ अभियान क्वार्टर के आउट हाउस पर चलेगा, रेंट क्वार्टर वालो का बढ़ेगा, बिजली कि समस्या क्वार्टर वालो को झेलनी पड़ेगी, जितने नियम-कानून सब क्वार्टर और प्लॉट वालो पर।

सोमवार को क्‍वार्टर लाइसेंस रेंट को लेकर कर्मचारियों और उनके परिवार में रोष बढ़ता जा रहा है। मनमाने ढंग से बढ़ाए गए रेंट के खिलाफ सोमवार को एडीम पर आक्रोश प्रदर्शन किया गया है। बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक (AITUC) के बैनर तले सैंकड़ो लाइसेंसधारी अपनी समस्‍मायाओं पर प्रबन्धन को चेतावानी देते हुए लाइसेंस रेंट में की गई मनमाने ढंग से बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की।

यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि आवास लाइसेंस में 10 प्रतिशत की प्रति 11 माह में बढ़ोतरी गैर वाजिब है। प्रबंधन का एकतरफा फैसला हजारों लाइसेंस धारियों का आवास का रिनुअल कराने में बाधक बना हुआ है, जिससे कंपनी को भी काफी राजस्व का नुकसान हो रहा है।

दूसरी तरफ लाइसेंस धारियों से सबसे पहले सिक्योरिटी मनी के रूप में 1,00,000, दूसरे चरण में 1,20,000 और तीसरे चरण में 1,50,000 प्रबंधन ने ले लिया। इस पर प्रबंधन कोई भी इंटरेस्ट नहीं देता। तकरीबन एक सौ करोड़ से ज्यादा इस मद में जमा है, जिस पर ब्याज नहीं दिया जाता।

मुख्य माँग इस प्रकार है:
-बढ़ोतरी वापस लेकर ईएफ-टाइप आवास का रेंट 1300 की जगह 1000 लिया जाए।
-पति के आकस्मिक निधन के बाद बेसिक डीए लेकर पति के रिटायरमेंट अवधि तक क्वार्टर में रहने वाली विधवाओं को उस अवधि में कंपनी द्वारा काटा गया क्वार्टर रेंट के रूप में लिया जाए।
-सभी प्रकार के क्वार्टर, जिसमें कर्मचारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी रह रहे हैं, उसे लाइसेंस लीज पर दिया जाए।
-कंपनी के द्वारा क्वार्टर का मरम्मत नहीं किया जाता। लाइसेंस धारी अपने घर की मरम्मत खुद करा रहे हैं। कंपनी आवासों की मरम्‍मत कराए।
-सिक्योरिटी रकम का लाभ सिक्योरिटी का ब्याज कंपनी खुद रखती है। ऐसी स्थिति में रेंट की बढ़ोतरी न्याय संगत नहीं है। कंपनी का लाभ कंपनी के उत्पादन, उत्पादकता पर निर्भर करती है। रेंट बढ़ाकर कंपनी का लाभ बढ़ाया नहीं जा सकता।
-सिक्योरिटी रकम पर ब्याज का भुगतान किया जाए। लाइसेंस क्वार्टर का बाहरी मेंटेनेंस, जिसमें छत की मरम्मत लाइसेंस धारियों की शिकायत पर किया जाए।
-क्वार्टर लाइसेंस स्कीम में डैमेज क्वार्टर को चेंज करने का प्रावधान लिया जाए।
-लाइसेंस क्वार्टर का बिजली बिल मीटर की रीडिंग के आधार पर लिया जाए।
-फ्लैट बिजली बिल लेने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इन तमाम मुद्दों पर अगर प्रबंधन सकारात्मक रुख नहीं अपनाता है तो आने वाले समय में लाइसेंस धारियों की लड़ाई तेज होगी।

मुख्य रूप से आर आर दास, रूपलाल पासवान, आरएस प्रसाद, टीपी सिंह, शिव जी सिंह, केसिंह, पीपी चौधरी, एसडी सिंह, भगवान सिंह, एसएन तिवारी, रामसूरत प्रसाद कैसी गुप्ता, संजय कुमार, रबिंद्र यादव, संगीता देवी, माधुरी तिवारी, सुषमा देवी, धनजय कुमार, वाइ के ताती, आर ऐ प्रसाद।


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