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बरसात के मौसम में भी तिल-तिल मर रहा सदियों पुराना यह विशाल वट वृक्ष चर्चा में


Report by Sukum 

Chas: चास के आइटीआइ मोड़ के करीब फोरलेन पर कई दशक पुराना यह वट वृक्ष चर्चा में है. बरसात के इस मौसम में भी सदियों पुराना यह विशाल पेड़ अंतिम सांसे गिन रहा है. पेड़ पर घोसला बनाये कई पक्षी इसे छोड़ कर जा चुके है. इस मौसम में जब वन विभाग और आमलोग पौधा रोपण करते है, इस वृक्ष को मरता देख हाईवे से आने-जाने वाले लोग अचरज कर रहे है.

बताया जा रहा है कि नगर निगम द्वारा इस पेड़ के आसपास कूड़ा डंप किया जा रहा है. कूड़े में केमिकल का छिड़काव करने से आसपास के पेड़-पौधे मर रहे हैं. वर्तमान में हर दिन 60 टन कचरा फेंका जा रहा है. चास नगर निगम के पास फिलहाल कचरा डंप करने के लिए कोई सुनिश्चित स्थान नहीं है. ऐसे में निगम बीते दो सालों से आइटीआइ मोड़ के आसपास कचरा डंप करवा रहा है.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि हर दिन क्षेत्र से करीब 60 टन कचरा निकलता है और फोरलेन के आसपास डंप किया जाता है. गौरतलब है कि उक्त जमीन सरकारी आइटीआइ संस्थान की थी. उक्त जमीन के बीचों-बीच फोरलेन बनने के बाद जमीन अलग हो गयी. जिस पर एक वर्ष पूर्व ही बाउंड्री की गयी थी. ऐसे में सरकारी जमीन होने के कारण बाउंड्री के अंदर कचरा डंप किया जाने लगा.

बताया जा रहा है कि सैकड़ों टन कचरा डंप किये जाने के कारण सड़क पर आवाजाही करनेवाले लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता था. इसका विरोध होने के बाद दुर्गंध रोकने के लिए केमिकल का छिड़काव किया जाता है, जिससे दुर्गंध नहीं आती है. लेकिन केमिकल का प्रभाव पेड़ पौधों व मिट्टी के अंदर जीने वाले जीवों पर पड़ रहा है. केमिकल के प्रभाव से आसपास के पेड़ दम तोड़ रहे हैं .


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